संघीय मादक पदार्थ निरोधक एजेंसी ने रविवार को एक बयान में कहा कि ये बरामदगी और गिरफ्तारियां मई में शुरू हुए 3 अभियानों के तहत हुईं, जिनमें उत्तराखंड के देहरादून और जसपुर (उधम सिंह नगर जिला) और उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, बरेली और सहारनपुर शामिल थे।
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एजेंसी ने पाया कि उत्तर प्रदेश के एक दूध विक्रेता ने अपना थोक दवा बिक्री लाइसेंस 5,000 रुपए प्रति माह पर उस गिरोह को पट्टे पर दे दिया था जो अवैध रूप से दवाओं का व्यापार करता था। एनसीबी ने कहा, इस गिरोह में फर्जी थोक विक्रेता शामिल थे और उन्होंने दवा बिक्री लाइसेंस का दुरुपयोग किया। नेटवर्क के पीछे के मास्टरमाइंड की पहचान करने और उसे पकड़ने के लिए जांच जारी है।
बयान में कहा गया कि पुलिस और राज्य मादक पदार्थ निरोधक एजेंसियों जैसी स्थानीय प्रवर्तन एजेंसियों को आगे कार्रवाई के लिए सतर्क किया गया है। एनसीबी ने कहा कि उसने इन अभियानों के तहत पांच लोगों की गिरफ्तारी के अलावा 20 करोड़ रुपए मूल्य की लगभग पांच लाख ट्रामाडोल और अल्प्राजोलम गोलियां जब्त की हैं।
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ट्रामाडोल का इस्तेमाल दर्द निवारक के रूप में किया जाता है। इसे 2018 में नशीली दवा घोषित किया गया था और देश में इसकी बिक्री का विनियमन और निगरानी एनसीबी द्वारा की जाती है। अल्प्राजोलम को टोडी नामक मादक पेय के साथ मिलाकर दुरुपयोग किया जाता है।
Edited By : Chetan Gour
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