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khatu shyam ji birthday: खाटू श्याम अवतरण दिवस पर जानिए उनकी पूजा करने का तरीका

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khatu shyam ki puja kaise karte hain: प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देव उठनी एकादशी पर बाबा खाटू श्याम का अवतरण दिवस मनाया जाता है। राजस्थान के शेखावाटी के सीकर जिले में रिंगस के पास स्थित स्थित है परमधाम खाटू। यह खाटू का श्याम मंदिर बहुत ही प्राचीन है। खाटू नामक जगह में स्थित होने के कारण उन्हें खाटू श्याम कहते हैं, जबकि उनका नाम बर्बरीक एवं श्याम है। खाटू में प्रतिवर्ष फाल्गुन माह शुक्ल षष्ठी से बारस तक यह मेला लगता है। बाबा श्याम के दरबार में फाल्गुन मेले के बाद कार्तिक में यह दूसरा सबसे बड़ा मेला भरता है। पांडु पुत्र भीम के पुत्र घटोत्कच और घटोत्कच के पुत्र बर्बरिक थे। बर्बरीक को ही बाबा खाटू श्याम कहते हैं। इनकी माता का नाम हिडिम्बा है। ALSO READ:

विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम का जन्मोत्सव मनाने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु बाबा श्याम की नगरी खाटू पहुंच चुके हैं और श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए जहां मंदिर कमेटी की ओर से सुरक्षा और व्यवस्थाओं के का इंतजाम किए गए हैं। आज बाबा श्याम के दरबार में बढ़ते श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से आरएसी की दो बटालियन और करीब 400 पुलिस के जवान 100 से ज्यादा होमगार्ड तैनात किए गए हैं। यदि आप मंदिर नहीं जा पा रहे हैं तो बाबा श्याम की घर में ही करें पूजा।

खाटू श्याम की घर में ही पूजा करने की विधि:-

स्नान और शुद्धता: पूजा से पहले शुद्धता अत्यंत आवश्यक है। इसलिए स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को भी स्वच्छ रखें। घर के पूजा स्थान में पूजा करने जा रहे हैं, तो पूजा स्थल में प्रवेश करने से पहले अपने मन और तन को शुद्ध करें। मंदिर में जाते समय हाथ जोड़कर श्याम बाबा का स्मरण करें और प्रार्थना करें।ALSO READ:

श्याम बाबा का ध्यान: खाटू श्याम बाबा की पूजा के दौरान सबसे पहले उनका आवाह्न और ध्यान करें। ध्यान करते हुए, बाबा के स्वरूप का मानसिक रूप से चित्रण करें और उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

दीपम पुष्पम अर्पण: श्याम बाबा के समक्ष दीप प्रज्वलि करें। धूप भी जलाएं। श्याम बाबा को घी के दीपक या कपूर से दीपक जलाएं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें। फिर उन्हें ताजे फूलों की माला और फूलों का अर्पण करें। फूल शुद्ध और स्वच्छ होने चाहिए, और उन्हें श्रद्धा भाव से चढ़ाना चाहिए। बाबा को गुलाब के फूल अर्पित करना चाहिए।

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इत्र और अन्य सामग्री अर्पण : खाटू श्याम जी को सुगंध और इत्र बहुत पसंद है। खाटू श्याम जी को गुलाब के फूल या गुलाबों से बना इत्र चढ़ाने की परंपरा है। खाटू श्याम से इत्र लाकर घर में रखने से सुख-शांति बनी रहती है और परिवार के भाग्य में भी वृद्धि होती है। इसके अलाव उन्हें तिलक लगाएं, अगर तगर आदि अर्पित करें। उन्हें वस्त्र अर्पण भी करें।ALSO READ:

भोग और प्रसाद : बाबा खाटू श्याम को गाय का कच्चा दूध बहुत पसंद है। इसलिए, उनका भोग ज़रूर लगाएं। बाबा खाटू श्याम को मावा के पेड़े भी बहुत पसंद हैं। इसलिए, भोग के रूप में उन्हें मावा के पेड़े चढ़ाएं। इसके बाद, शक्कर, दूध, और अन्य उपयुक्त प्रसाद का अर्पण करें। पंचामृत और चरणामृत भी तैयार करके उन्हें अर्पित करें।

प्रार्थना और संकल्प: पूजा के बाद बाबा से अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति की प्रार्थना करें। साथ ही, अपने दिल की इच्छाओं का समर्पण करें और किसी भी प्रकार के दुख से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।

श्याम बाबा की आरती : श्याम बाबा की पूजा के बाद उनकी आरती का विशेष महत्व है। मंदिर में उपस्थित भक्तगण आमतौर पर 'श्याम बाबा की आरती' गाते हैं। यदि आप घर पर पूजा कर रहे हैं, तो आप भी इस आरती का गायन या श्रवण कर सकते हैं।

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श्याम बाबा कथा या भजन: पूजा एवं आरती के बाद श्याम बाबा के भजन और कीर्तन सुनना या करना अत्यंत लाभकारी है। विशेष रूप से 'श्याम के दरबार में' या 'खाटू वाले श्याम' जैसे भजन गाए जाते हैं।

पूजा समाप्ति: पूजा समाप्त होने के बाद, बाबा के चरणों में शीश झुका कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें और प्रसाद को वितरण करके बाद में खुद ग्रहण करें। घर में भी यह प्रसाद वितरित किया जाता है।

विशेष ध्यान रखने योग्य बातें:

  • पूजा के दौरान शांति बनाए रखें और ध्यानपूर्वक पूजा करें।
  • खाटू श्याम बाबा का नाम "जय श्याम" या "श्याम बाबा की जय" के रूप में उच्चारित करें।
  • श्रद्धा और निष्ठा के साथ पूजा करें, क्योंकि बाबा के प्रति सच्ची भक्ति सबसे महत्वपूर्ण है।
  • पूजा के बाद, ताजे फल और प्रसाद बांटें, जिससे सभी के जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहे।
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