डेंगू एक ऐसी बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से फैलती है और हर साल लाखों लोगों को अपनी चपेट में लेती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कम उम्र के बच्चों और युवाओं में डेंगू के दौरान शरीर में पानी की कमी कितनी खतरनाक हो सकती है? यह स्थिति न सिर्फ बीमारी को और गंभीर बनाती है, बल्कि कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है। आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि हमें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
डेंगू और पानी की कमी: एक खतरनाक जोड़ी
डेंगू बुखार अपने आप में एक गंभीर स्थिति है, जिसमें तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन जब शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन होने लगता है, तो यह स्थिति और भी जटिल हो जाती है। खासकर बच्चों और युवाओं में, जिनका इम्यून सिस्टम अभी पूरी तरह विकसित नहीं होता, डिहाइड्रेशन तेजी से हालात को बिगाड़ सकता है। शरीर में पानी की कमी से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है, किडनी पर दबाव पड़ सकता है और गंभीर मामलों में मल्टी-ऑर्गन फेल्योर तक की नौबत आ सकती है।
क्यों है बच्चों में ज्यादा खतरा?
बच्चों और युवाओं में डेंगू का असर कई बार बड़ों की तुलना में ज्यादा गंभीर हो सकता है। इसका एक बड़ा कारण है कि बच्चे अपनी सेहत की गंभीरता को समझ नहीं पाते और पानी की कमी जैसे लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। उल्टी, दस्त या अत्यधिक पसीना आने से शरीर तेजी से पानी खो देता है। अगर समय पर इसकी पूर्ति न हो, तो डेंगू का इलाज और भी मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि माता-पिता और अभिभावकों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
सावधानी ही है सबसे बड़ा बचाव
डेंगू से बचाव और इसके दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखना सबसे जरूरी है। अगर आपके बच्चे या परिवार में कोई डेंगू से पीड़ित है, तो सुनिश्चित करें कि वे पर्याप्त मात्रा में पानी, नारियल पानी, ओआरएस या अन्य हाइड्रेटिंग तरल पदार्थ ले रहे हैं। इसके अलावा, मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी, रेपेलेंट्स और पूरी बांह के कपड़े पहनना न भूलें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें और पानी जमा न होने दें, क्योंकि यही मच्छरों के पनपने की जगह बनता है।
समय पर इलाज है जरूरी
अगर डेंगू के लक्षण दिखें, जैसे कि तेज बुखार, थकान या त्वचा पर लाल चकत्ते, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खासकर बच्चों में लक्षणों को हल्के में न लें। समय पर जांच और इलाज डेंगू को गंभीर होने से रोक सकता है। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न दें, क्योंकि गलत दवाएं स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं।
एक जागरूक समाज की जरूरत
डेंगू से लड़ने के लिए सिर्फ व्यक्तिगत सावधानी ही काफी नहीं, बल्कि पूरे समाज को जागरूक होने की जरूरत है। अपने आसपास के लोगों को डेंगू के खतरों और बचाव के तरीकों के बारे में बताएं। खासकर बारिश के मौसम में, जब मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है, सामूहिक प्रयासों से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।
You may also like
ये नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा! Mitchell Santner की जादुई बॉल पर उड़ गए थे Karun Nair के तोते; देखें VIDEO
ये नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा! Mitchell Santner की जादुई बॉल पर उड़ गए थे Karun Nair के तोते; देखें VIDEO
IPL 2025: CSK को मिली रुतुराज की रिप्लेसमेंट, 17 साल के लड़के की टीम में एंट्री
वैज्ञानिकों को मिली सबसे बड़ी सफलता, पृथ्वी के सबसे नजदीकी तारे में मीथेन की खोज, जानिए इस बात का है संकेत
भारत सरकार ने Whatsapp यूजर्सके लिए जारी की सुरक्षा चेतावनी: आप भी तुरंत जान लें