नई दिल्ली, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शनिवार को अपने गुजरात के दौरे के दौरान एक कार्यक्रम में किसानों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा में हमारे अन्नदाताओं की भूमिका अमूल्य है। सरकार हर स्तर पर किसानों के साथ है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि गिरनार अपनी उच्च उपज क्षमता के कारण, गिरनार 4 और 5 पुरानी किस्मों की तुलना में न्यूनतम 500 किग्रा/हेक्टेयर अतिरिक्त उपज प्रदान करती हैं। 4.63 मिलियन क्विंटल प्रमाणित बीज उत्पादन से 15.45 मिलियन क्विंटल अतिरिक्त मूंगफली की उपज हुई है, जिससे पिछले तीन वर्षों में किसानों की अनुमानित अतिरिक्त आय 11,221.33 करोड़ रुपये हो गई है। अकेले गिरनार 4 से अतिरिक्त आय 6500 करोड़ रुपये से अधिक है।
गुजरात यात्रा के दौरान शिवराज सिंह जूनागढ़ जिले के मानेकवाड़ा गांव पहुंचे, और मूंगफली के खेत में उतरे। साथ ही, वहां के मेहनती किसानों से सीधा संवाद किया।
इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने मूंगफली की उन्नत किस्मों, बीजों की गुणवत्ता, उपयोग की जा रही खाद और उत्पादन तकनीकों पर गहराई से चर्चा की। किसानों ने उन्हें मूंगफली की खेती में आने वाली मौसमी चुनौतियों, बाजार मूल्य और सिंचाई से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया, वहीं कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने विशेष रूप से गुजरात की प्रमुख और उन्नत मूंगफली वैरायटी ‘गिरनार-4’ की विशेषताओं के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली।
खेत में उपलब्ध आधुनिक कृषि यंत्रों का भी उन्होंने निरीक्षण किया और उनके प्रभाव और उपयोगिता को लेकर किसानों से प्रतिक्रिया जानी।
शिवराज सिंह ने किए सोमनाथ मंदिर के दर्शन
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने गुजरात प्रवास के दौरान, आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत, प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर में पावन दर्शन और पूजा-अर्चना कर देशवासियों की खुशहाली, सुख-शांति और समृद्धि की मंगलकामना की। इस दौरान शिवराज सिंह धर्मपत्नी साधना सिंह के साथ सोमनाथ महादेव के चरणों में नतमस्तक हुए। उन्होंने विधिपूर्वक रुद्राभिषेक और आरती में भाग लिया और देश के किसानों, श्रमिकों, युवाओं और माताओं-बहनों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर शिवराज सिंह ने कहा कि सोमनाथ केवल एक तीर्थ नहीं बल्कि सनातन परंपरा की आत्मा है। यहां आकर मन को शांति मिलती है और संकल्पों को दिशा मिलती है। प्रभु शिव जी की यह दिव्य भूमि हमें शक्ति, समर्पण और सेवा का मार्ग दिखाती है। मंदिर प्रांगण में उन्होंने संतों और पुजारियों से आशीर्वाद प्राप्त किया और मंदिर ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों की सराहना की।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
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