अररिया, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
फारबिसगंज में नेत्रदान का जगा अलख अब रंग लाने लगा है। जुलाई माह में फारबिसगंज में चार लोगों का मरणोपरांत नेत्रदान संपन्न हुआ।
दधीचि देहदान समिति और तेरापंथ युवक परिषद के सहयोग से बीती मध्य रात्रि स्व.गिन्नीदेवी धनावत का मरणोपरांत नेत्रदान संपन्न हुआ।कटिहार मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक डॉ मासूम वारिस और डॉ अभिनव की टीम की तत्परता से रात्रि एक बजे के करीबन नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न हुई।कोठीहाट रोड निवासी स्वर्गीय महावीर धनावत की पत्नी स्व.गिन्नीदेवी का देहावसान रात्रि साढ़े नौ बजे हुआ।
देहावसान की जानकारी मिलने के बाद दधीचि देहदान समिति के जिलाध्यक्ष आजादशत्रु अग्रवाल मृतका के घर पर पहुंचे और उनके परिजनों से नेत्रदान को लेकर पहल की।जिसके बाद परिजनों द्वारा सहमति मिलने के बाद कटिहार मेडिकल कॉलेज अस्पताल की टीम से संपर्क स्थापित किया गया और केएमसीएच की टीम ने तत्परता दिखाते हुए मध्य रात्रि एक बजे फारबिसगंज पहुंचकर नेत्रदान की प्रक्रिया अपनाते हुए मृतका का कॉर्निया कलेक्ट किया।
स्वर्गीय गिन्नीदेवी धनावत के देहांत पश्चात उनके पुत्र हरि धनावत ने नेत्रदान की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने बताया की उनके माताजी बहुत ही धार्मिक प्रवृति की थी और उन्होंने कुछ दिनों पहले ही अपने मरणोपरांत नेत्रदान करने की इच्छा जाहिर की थी। परिवार के सदस्यों ने नेत्रदान के लिए देहदान समिति, युवक परिषद ओर डॉक्टर की टीम को बहुत साधुवाद दिया।
सेवा, संस्कार ओर संगठन इन तीन आयामों को लेकर काम कर रही तेरापंथ युवक परिषद फारबिसगंज के अध्यक्ष आशीष जी गोलछा ने कहा कि समाज में नेत्रदान प्रति लोगों में जागरूकता देखी जा रही है। मरणोपरांत होने वाला यह कार्य से जहां किसी को नई रोशनी मिलती है वही पारिवारिक जनों को भी संतोष की अनुभूति होती है। ऐसे कार्य समाज को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाते हैं। नेत्रदान सह संयोजक पंकज नाहटा ने मानव सेवा को सर्व धर्म से ऊपर बताते हुए हम जीवन में रक्तदान ओर मरणोपरांत नेत्रदान कर किसी के जीवन रक्षक बन सकते है। मानव में मानवता जीवित रखने का माध्यम भी है।
इस सेवा कार्य के दौरान दधीचि देह दान समिति के सदस्य आजादशत्रु अग्रवाल,इंजीनियर आयुष अग्रवाल,पूनम पांडिया,पप्पू लड्डा,राहुल कुमार ठाकुर,विनोद सरावगी,बछराज राखेचा आदि ने कहा कि पारिवारिक सदस्यों को ऐसे विकट समय जहां नेत्रों से आंसू नहीं थमते ओर अपने प्रिय को खोने के ग़म में हृदय व्यथित होता है, उस घड़ी नेत्रदान जैसे कार्य की स्वीकृति प्रदान करना समाज के लिए उदाहरण होने की बात कही। मौके पर विद्यासागर अग्रवाल,संजय अग्रवाल,रमेश धनावत,मनोज धनावत ,अमन धनावत,रोहन धनावत,दिलीप पटेल,संजय केशरी,राजकुमार गुप्ता,राजेश केशरी,सुरेश पासवान,उमाशंकर उर्फ बुलबुल यादव,प्रदीप राठी,आदर्श गोयल,निशांत गोयल सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
जुलाई महीने में फारबिसगंज में यह चौथा नेत्रदान हुआ है। इससे पहले स्वर्गीय किशनलालजी भंसाली, स्वर्गीय उमेश चंद्र विश्वाश एवं स्वर्गीय मोतीलालजी बैद का नेत्रदान सम्पन्न हुआ था। दधिचि देह दान समिति एवं तेरापंथ युवक परिषद फारबिसगंज की इस मानव सेवा कार्य की सराहना पूरे शहर में की जा रही है।
(Udaipur Kiran) / राहुल कुमार ठाकुर
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