फरीदाबाद 30 मई . जिला नगर योजनाकार एन्फोर्समेंट की टीम ने शुक्रवार को चीरसी गांव के रकबे में विकसित हो रही अवैध कॉलोनियों में तोडफ़ोड़ की. यहां 10 एकड़ में अलग-अलग कालोनियों में अवैध निर्माण किए जा रहे थे. विभाग की टीम 15 से 20 दिन और कार्रवाई नहीं करती तो यहां अधिकतर प्लाटों पर मकान बन जाते. मौके पर टीम को तीन-तीन मंजिला मकान मिले, जिन्हें तोड़ दिया गया. केवल एक-दो मकान ऐसे थे जिनमें परिवार रह रहा था. रोती-बिलखती हुई महिलाएं व बच्चों के मकान से न निकलने की वजह से टीम को उन पर दया आ गई और उनका मकान नहीं तोड़ा. एक महिला ने तो स्पष्ट कह दिया था कि यह मर जाएगी लेकिन मकान से बाहर नहीं आएगी. उसने परिवार सहित अपने आपको एक कमरे में बंद कर दिया था. पुलिसकर्मी को अर्थमूवर की मदद से मकान की छत पर उतारा गया लेकिन महिला ने कमरे का दरवाजा नहीं खोला. बाकी सभी को चेतावनी गई कि यदि दोबारा यहां मकान बनाया तो मामले दर्ज कराए जाएंगे. डीटीपीई राहुल सिंगला ने बताया कि कार्रवाई के दौरान 15 घर, 10 चहारदीवारी, 50 डीपीसी और सडक़ नेटवर्क को ध्वस्त किया गया. कार्रवाई को ड्यूटी मजिस्ट्रेट एटीपी मुशफीक की निगरानी में अंजाम दिया गया. राहुल सिंगला ने बताया जिस कालोनी में कार्रवाई की गई वह दो हिस्सों में फैली हुई थी. एक हिस्सा छह एकड़ और दूसरा चार एकड़ में विकसित किया जा रहा था. विभाग की ओर से पहले ही इस अवैध कालोनी की पहचान कर ली गई थी और अब निर्माण कार्य के शुरुआती चरण में ही इसे ध्वस्त कर दिया गया. इससे पहले टीम ने अमीपुर (यमुना पार) जाकर 40 अवैध फार्म हाउस पर कार्रवाई की थी. राहुल सिंगला ने बताया कि इस तरह के निर्माण पर समय रहते रोक लगाकर सरकार पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के बढ़ते दबाव को भी कम करना है. उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति अवैध कॉलोनी में निवेश करने से पहले जांच-पड़ताल अवश्य करें.
/ -मनोज तोमर
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