नई दिल्ली, 13 अप्रैल . डॉ. अंबेडकर की 135वीं जयंती का समारोह 14 अप्रैल को संसद भवन लॉन में प्रेरणा स्थल पर आयोजित किया जाएगा. यह कार्यक्रम केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) के सहयोग से होगा. समारोह की शुरुआत सुबह राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, अन्य मंत्रियों, सांसदों और विद्वानों, छात्रों एवं आम जनता सहित अन्य आमंत्रित अतिथियों के पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ होगी.
उसके बाद यह कार्यक्रम दोपहर 12:00 बजे तक जनता के लिए खुला रहेगा. डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) उन लोगों की सहायता करेगा, जो बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. आम जनता को अलीपुर रोड स्थित डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक (डीएएनएम) तक ले जाने के लिए डीएएफ की ओर से विशेष बसों का इंतजाम किया गया है.
डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ)
डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन का गठन बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर के संदेश और विचारधाराओं का प्रसार करने के लिए किया गया था. 1991 में बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर की शताब्दी समारोह समिति का गठन किया गया था और इसकी अध्यक्षता भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने की थी. इस समिति ने डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) की स्थापना करने का निर्णय लिया. 24 मार्च, 1992 को स्वायत्त निकाय डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) की स्थापना केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तत्वावधान में की गई थी, जिसका उद्देश्य अखिल भारतीय स्तर पर बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर के विचारों और दृष्टिकोणों को आगे बढ़ाने के लिए कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित करना था.
डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक (डीएएनएम)
डॉ . अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक (डीएएनएम) बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर के जीवन, कार्य और योगदान को संरक्षित करने और प्रदर्शित करने के लिए समर्पित है. डॉ. बीआर अंबेडकर एक प्रसिद्ध समाज सुधारक, वक्ता, प्रख्यात लेखक, इतिहासकार, न्यायविद, मानवविज्ञानी और राजनीतिज्ञ थे. डीएएनएम संग्रहालय में डॉ. अंबेडकर के जीवन से संबंधित व्यक्तिगत सामान, तस्वीरें, पत्र और दस्तावेजों का संग्रह है. इसमें उनकी शिक्षा, सामाजिक सुधार आंदोलन और राजनीतिक करियर शामिल हैं. उनके भाषणों और साक्षात्कारों को दिखाने के लिए ऑडियो-विजुअल प्रदर्शन भी हैं.
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/ अनूप शर्मा
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