बीजिंग, 20 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . चीन में इस साल की पहली तीन तिमाही में सालाना आधार पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. बावजूद इसके देश की अर्थव्यवस्था के सामने चुनौती बरकरार है. तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में यह वृद्धि 4.8 प्रतिशत है.
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की आज की रिपोर्ट में राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) के आंकड़ों के हवाले से यह जानकारी दी गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वर्ष के पहले नौ महीनों में चीन की जीडीपी साल-दर-साल 5.2 प्रतिशत बढ़कर 101.5036 ट्रिलियन युआन (14.24 ट्रिलियन डॉलर) हो गई. यह दर्शाता है कि चीन की अर्थव्यवस्था ने बाहरी दबावों का सामना किया है. बावजूद इसके अर्थव्यवस्था मजबूत लचीलेपन और जीवंतता के साथ स्थिर विकास की प्रवृत्ति के अनुरूप रही.
एनबीएस के Monday को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पहली तीन तिमाही में औद्योगिक उद्यमों के मूल्यवर्धन में साल-दर-साल 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई. उपकरण निर्माण उद्योग के मूल्यवर्धन में 9.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई और उच्च-तकनीकी विनिर्माण क्षेत्र में 9.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह बड़े औद्योगिक उद्यमों की समग्र वृद्धि से क्रमशः 3.5 और 3.4 प्रतिशत अंक अधिक है. एनबीएस के अनुसार, उत्पादों के आधार पर 3डी प्रिंटिंग उपकरण, औद्योगिक रोबोट और नवीन ऊर्जा वाहनों का उत्पादन क्रमशः 40.5 प्रतिशत, 29.8 प्रतिशत और 29.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा.
पहले नौ महीनों में उपभोक्ता वस्तुओं की कुल खुदरा बिक्री 36.5877 ट्रिलियन युआन तक पहुंच गई. यह पिछले वर्ष की तुलना में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है. इनमें से ऑनलाइन खुदरा बिक्री 11.2830 ट्रिलियन युआन रही. यह पिछले साल की तुलना में 9.8 प्रतिशत अधिक है. बड़े उपभोक्ता वस्तुओं के लिए सरकार की विशेष ट्रेड इन नीति के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. घरेलू उपकरणों और दृश्य-श्रव्य उपकरणों, फर्नीचर, संचार उपकरणों और सांस्कृतिक एवं कार्यालय आपूर्ति की खुदरा बिक्री में क्रमशः 25.3 प्रतिशत, 21.3 प्रतिशत, 20.5 प्रतिशत और 19.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
पहली तीन तिमाही में राष्ट्रीय अचल संपत्ति निवेश 37.1535 ट्रिलियन युआन रहा. यह पिछले वर्ष की तुलना में 0.5 प्रतिशत कम है. एनबीएस के अनुसार, अचल संपत्ति विकास निवेश को छोड़कर, अचल संपत्ति निवेश में 3.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई. एनबीएस के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस वर्ष की शुरुआत से ही वैश्विक आर्थिक विकास सुस्त रहा. इसकी वजह दुनिया में व्यापार संरक्षणवाद का बोलबाला है. भू-राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय व्यापार संघर्ष है.
प्रवक्ता ने कहा, इन उपलब्धियों को स्वीकार करते हुए हमें यह भी मानना होगा कि बाह्य अनिश्चितता और अस्थिरता अभी भी महत्वपूर्ण बनी हुई है. वैश्विक व्यापार और आर्थिक विकास बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. कुछ क्षेत्रों में घरेलू संरचनात्मक विरोधाभास अभी भी स्पष्ट हैं. कुछ उद्यमों को परिचालन संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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