धमतरी, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . ग्राम पंचायत अरौद डुबान के किसानों ने अपनी वर्षों पुरानी मांग को लेकर आज Monday को कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला प्रशासन से धान उपार्जन केंद्र खोलने की मांग की. किसानों का कहना है कि वर्तमान में उन्हें धान बेचने के लिए मोगरागहन उपार्जन केंद्र सहकारी समिति बारगरी तक जाना पड़ता है, जो उनके गांवों से 30 से 40 किलोमीटर की दूरी पर है. इस कारण उन्हें परिवहन में भारी कठिनाई और अतिरिक्त किराया खर्च वहन करना पड़ता है.
सुमार सिंह, शांतनु राम, सुग्रीव नेताम, कन्हाई राम, रामन भरोसा सहित अन्य किसानों ने बताया कि ग्राम पंचायत अरौद डुबान के अंतर्गत आने वाले गांव अरौद, पटौद, हरफर, बरबांधा, सिलतरा, कलारबाहरा, पाहरियाकोंन्हा, पटेलगुड़ा, किशनपुरी, उरपुटी एवं कन्दरी के लगभग सभी किसान लंबे समय से इस मांग को लेकर प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि इन गांवों में करीब 250 एकड़ क्षेत्र में खेती होती है, और यदि अरौद डुबान में धान उपार्जन केंद्र स्वीकृत हो जाता है तो हजारों किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. किसानों के प्रतिनिधि चंद्रहास, तेजराम, रामजी, यशवंत नेताम सहित अन्य किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपनी समस्या से कलेक्टर को अवगत कराया.
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने किसानों की समस्याएं ध्यानपूर्वक सुनीं और कहा कि प्रशासन इस मांग पर गंभीरता से विचार करेगा तथा उचित स्तर पर प्रस्ताव भेजा जाएगा. उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा 15 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीद अभियान शुरू किया जा रहा है. ऐसे में यदि अरौद डुबान में नया उपार्जन केंद्र स्वीकृत हो जाता है तो आगामी खरीद सीजन में किसानों को लंबी दूरी तय करने से राहत मिलेगी और धान खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सकेगी.
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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