– स्वामीनारायण संस्था के जीवन उत्कर्ष महोत्सव में हुए शामिल मंत्री सिंह, संतवचनों का श्रवण कर प्राप्त किया आशीर्वाद
जबलपुर, 05 नवंबर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि Indian समाज में धार्मिक और अध्यात्मिक मार्ग पर चलने की हमारी मजबूत परंपरा है. स्वाभाविक रूप से हमें कहीं न कहीं से ज्ञान प्राप्त होता है, हम गुरू के पास जाते हैं तो हमें शिक्षा मिलती है, सतगुरू हमें मिल जाये तो ज्ञान की प्राप्ति होती है. वे स्वयं को सौभाग्यशाली माना कि उन्हें सतगुरू मिले. उनके चरणों में आकर उन्होंने सीखा कि पुरूषार्थ और परमार्थ क्या है और जीवन का वास्तविक आनंद नशामुक्त और शाकाहार जीवन जीने में है, इसके साथ ही यह भी सिखाया गया कि शाकाहार के साथ लहसुन और प्याज का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
मंत्री राकेश सिंह बुधवार को जबलपुर में विजन महल स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा आयोजित जीवन उत्कर्ष महोत्सव को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने महोत्सव में शामिल होकर संतवचनों का श्रवण कर आशीर्वाद प्राप्त किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमें अपनी-अपनी भूमिका का निर्वाहन उसी भाव के साथ करना चाहिए जो हमारी प्रवृत्ति है.
उन्होंने कहा कि बीएपीएस का बोध वाक्य वास्तव में ईमानदारी से हम समाजसेवा करना चाहें तो हमारा अंत:करण शुद्ध और पवित्र होना चाहिए, जब अंत:करण शुद्ध होगा तभी हम एक दूसरे के उत्कर्ष की चिंता के साथ आगे बढ़ पायेंगे. प्राचीन काल से ऋषि मुनियों से लेकर आज तक ज्ञान देने वालों ने यही सिखाया है, कि सबसे बड़ा पाप अपने आपको कमजोर मानने में है. अत: दूसरों को मजबूत करने में लग जाओ, अपने आप मजबूत हो जाओगे. दूसरों के उत्कर्ष में स्वयं का उत्कर्ष देखना हो तो कहीं जाने की जरूरत नहीं है. भारत की प्रकृति और प्रवृत्ति में ही दूसरे के उत्कर्ष में स्वयं का उत्कर्ष देखना यह सदियों से रहा है. प्राचीन काल से भारत विश्वगुरू रहा है क्योंकि भारत की प्रतिष्ठा एक कर्मयोगी के रूप में रही है.
उन्होंने कहा कि संस्था के कर्मयोगियों को वह देख रहे हैं, संतजनों से परिचय हुआ तो ज्ञात हुआ कि वे उच्च शिक्षित हैं. इसलिये जब स्वामी नारायण संस्था का उल्लेख आता है तो हर व्यक्ति श्रद्धा से झुक जाता है. उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजकों को बधाई भी दी और कहा यहां पर भी एक सुंदर मंदिर का निर्माण शीघ्र होना चाहिए.
इस अवसर पर स्वामीनारायण संस्था के संत आदर्श स्वामीजी ने मंत्री राकेश सिंह को संस्कारधानी जबलपुर का एक सही प्रतिनिधि मानते हुए कहा कि उन्होंने शुद्धि और पवित्रता के पाठ परिपादित किया है और मंत्री सिंह द्वारा जबलपुर की पावन धरती पर मंदिर बनाने की मंशा पर स्वामी जी ने इसके लिए आभार व्यक्त किया.
(Udaipur Kiran) तोमर
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