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श्रीबांकेबिहारी मंदिर : अक्षय तृतीया पर उमड़ा भक्ति और आस्था का जनसैलाब

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दुर्लभ चरण दर्शन और सर्वांग दर्शन पाकर भक्त हुए आल्हादित

जिलाधिकारी और एसएसपी करते रहे व्यवस्थाओं पर निगरानी

मथुरा, 30 अप्रैल . वृंदावन में अक्षय तृतीया पर भक्ति और आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. भीषण गर्मी और तपती धूप के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था डगमगाई नहीं. ठाकुर बांकेबिहारी जी के वर्ष में एक बार होने वाले दुर्लभ चरण दर्शन और सर्वांग दर्शन की झलक पाने के लिए लाखों श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे और इस अक्षय पुण्य को पाकर हर श्रद्धालु भक्ति से आल्हादित हो गया. इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात नजर आए, वहीं जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह और पुलिस कप्तान श्लोक कुमार स्वयं व्यवस्थाओं की निगरानी करते रहे.

प्राचीन सप्त देवालयों सहित सभी प्रमुख मंदिरों में ठाकुर जी को गर्मी से राहत देने के लिए चंदन का लेपन किया गया. ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में विशेष अवसर पर ठाकुर जी को केसरयुक्त मलयागिरि के चंदन का लड्डू अर्पित किया . साथ ही सत्तू, बेसन के लड्डू और शीतल पेय पदार्थों का भोग लगाया गया. ठाकुर जी को पीत वस्त्रों से सजाया गया और रायबेल, कुंद, मोगरा तथा गुलाब की सुगंधित मालाओं के साथ स्वर्णाभूषण, सोने की बांसुरी और पाजेब पहनाई गई. सुबह ठाकुर बांकेबिहारी ने सुनहरे श्रृंगार और केसरिया पोशाक में भक्तों को चरणदर्शन दिए तो जयकारे से मंदिर परिसर गूंज उठा. आराध्य के दिव्य दर्शन की एक झलक पाने को लालायित भक्तों के इंतजार के पल जैसे ही खत्म हुए तो मंदिर बांकेबिहारी में भक्तों की भीड़ फूट पड़ी. मंदिर में अंदर पहुंचे भक्त आराध्य के चरणों की झलक पाकर सुधबुध खो बैठे और पीछे से आ रहे भक्तों का रेला का एहसास जब दर्शन में मग्न श्रद्धालु को हुआ तो आगे बढ़ने का मन बनाया.

अक्षय तृतीया पर आराध्य बांकेबिहारी के चरण दर्शन को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी तो आराध्य ने भी तय समय से करीब एक घंटा 45 मिनट पहले ही दर्शन दिए. सुबह छह बजे मंदिर के पट जल्द खुले तो भक्तों का भी सहूलियत मिली. मंदिर खुलने के समय तक हजारों भक्त दर्शन करके मंदिर से निकल चुके थे. भक्तों की भीड़ से खचाखच भरे परिसर में जितनी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे, उससे कई गुना अधिक श्रद्धालु मंदिर के बाहर आराध्य की दिव्य झांकी के दर्शन को उतावले हो रहे थे. प्रशासनिक व्यवस्था भी पूरी तरह मजबूत नजर आई. विद्यापीठ और जुगलघाट से कतारबद्ध होकर श्रद्धालु रेलिंग के अंदर से ही मंदिर तक पहुंच रहे थे. गर्मी के दिनों में गर्म धरती पर नंगे पैर चलने में श्रद्धालुओं की दिक्कत को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर आने वाले रास्तों पर कारपेट बिछाकर जगह जगह पंखा, कूलर लगाए हैं. ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े.

/ महेश कुमार

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