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रणथम्भौर दुर्ग में भालू की दस्तक से मची अफरा-तफरी, श्रद्धालु दहशत में भागे

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सवाई माधोपुर, 26 अप्रैल . प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए विश्वप्रसिद्ध रणथम्भौर दुर्ग में शनिवार सुबह एक अप्रत्याशित घटना घटी. जंगल से भटककर एक भालू दुर्ग परिसर में पहुंच गया, जिससे वहां मौजूद श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच अफरा-तफरी मच गई.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह अंधेरी पोल के समीप अचानक भालू के प्रकट होने से हड़कंप मच गया. लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ते नजर आए. घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें भयभीत लोगों को भागते और भालू को दुर्ग के भीतर भटकते हुए देखा जा सकता है. करीब दस मिनट तक स्थिति बेहद तनावपूर्ण रही. भालू भी मानव उपस्थिति से घबराकर दुर्ग परिसर में इधर-उधर दौड़ता रहा. अंततः वह दुर्ग छोड़कर वापस जंगल की ओर लौट गया, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली. हालांकि इस घटना को लेकर अभी तक वन विभाग की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. विभाग की टीमें मामले की जांच कर रही हैं और सुरक्षा के मद्देनज़र अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

गौरतलब है कि रणथम्भौर दुर्ग क्षेत्र में जंगली जानवरों की आवाजाही पहले भी चिंता का विषय रही है. 16 अप्रैल को दुर्ग क्षेत्र में बाघिन टी-84 (ऐरोहेड) की फीमेल शावक के हमले में सात वर्षीय बालक कार्तिक सुमन की मृत्यु हो गई थी. इस दुखद घटना के बाद वन विभाग ने लगभग नौ दिनों तक दुर्ग में आमजन का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था. शुक्रवार को ही विभिन्न सुरक्षा शर्तों के साथ दुर्ग में फिर से प्रवेश की अनुमति दी गई थी, लेकिन शनिवार को भालू की उपस्थिति ने सुरक्षा व्यवस्था पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं.

स्थानीय प्रशासन और वन विभाग अब दुर्ग क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने और जंगली जीवों के मूवमेंट पर सख्ती से नजर रखने के प्रयास कर रहे हैं. पर्यटकों और श्रद्धालुओं से भी अपील की गई है कि वे भ्रमण के दौरान सतर्कता बरतें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें. रणथम्भौर दुर्ग के रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान से सटे होने के कारण वन्यजीवों की अनपेक्षित गतिविधियों का खतरा लगातार बना रहता है.

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/ रोहित

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