अशोकनगर: 11अक्टूबर(Udaipur Kiran News) . केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने Saturday को मप्र के अशोकनगर जिले की मुंगावली की पावन धरती को एक ऐतिहासिक सौगात दी. उन्होंने स्वाधीनता के दो अमर प्रेरणास्रोतों गणेशशंकर विद्यार्थी जी और स्वामी विवेकानंद जी की सात-सात फीट ऊँची भव्य प्रतिमाओं का अनावरण किया. साथ ही महात्मा गांधी की प्रतिमा पर छतरी का लोकार्पण किया. सिंधिया ने इस अवसर को केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि हृदय को गर्व और भावनाओं से भर देने वाला ऐतिहासिक क्षण बताया.
मुंगावली का गौरव और विद्यार्थी जी का आदर्शकेन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मुंगावली की यह धरती जहाँ से ज्ञान, विचार और राष्ट्रप्रेम की धारा पीढय़िों से प्रवाहित होती रही है, आज से केवल एक भौगोलिक नाम नहीं, बल्कि विचार, संघर्ष और संस्कार की भूमि कहलाएगा. उन्होंने बताया कि गणेशशंकर विद्यार्थी जी का बचपन यहीं की पवित्र मिट्टी में बीता और उनके पिता जी इसी मुंगावली में शिक्षक थे.
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि विद्यार्थी जी का जीवन हमें सिखाता है कि सच्चा देशप्रेम केवल भावना नहीं, बल्कि कर्तव्य है, केवल शब्द नहीं, बल्कि कर्म है. उन्होंने बताया कि विद्यार्थी जी ने पत्रकारिता को स्वतंत्रता संग्राम का शस्त्र बनाया और यह दिखाया कि कलम भी तलवार से अधिक प्रभावशाली हो सकती है, जब उसमें सत्य और साहस का तेज हो. केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कॉलेज प्रशासन से आग्रह किया कि सिलेबस में एक अध्याय गणेश शंकर विद्यार्थी के जीवन और संघर्ष पर जोड़ा जाये. जिससे देश में उनकी स्मृति जीवंत रहे.
स्वामी विवेकानंद ने भारत के सामर्थ को जगाया:
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने युवाओं के प्रेरणास्रोत, स्वामी विवेकानंद जी के योगदान को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि विवेकानंद जी ने उस भारत को जगाया, जो अपने सामर्थ को भूल गया था. उन्होंने युवाओं से कहा था उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज जब हम उनकी प्रतिमा का अनावरण कर रहे हैं, यह हमें याद दिलाता है कि भारत का भविष्य किसी और के भरोसे नहीं, हमारे भरोसे है, आपके भरोसे है . उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन को दोहराते हुए युवाओं का आह्वान किया कि यही समय है, सही समय है. सिंधिया ने कहा कि आत्मनिर्भर और विश्वगुरु भारत का जो स्वप्न गणेश शंकर विद्यार्थी और स्वामी विवेकानंद ने देखा था, उसे अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं. आज भारत आत्मनिर्भर तो बन हो रहा है लेकिन साथ ही दुनिया भर को कोविड की वैक्सीन प्रदान कर वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को भी सशक्त कर रहा है.
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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार
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