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निर्णायक कार्रवाई के लिए डर जरूरी, 'ऑपरेशन सिंदूर' ने खौफ पैदा कियाः अमित शाह

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नई दिल्ली, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्य सभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इसका मकसद युद्ध करना नहीं था बल्कि यूएन चार्टर के तहत आत्मरक्षा में बल के प्रयोग का अधिकार था। निर्णायक कार्रवाई के लिए दुश्मन का सुधरना या डरना जरूरी है और कांग्रेस सरकार ने कभी पाकिस्तान को डराने की कोशिश नहीं की। आज हमारी कार्रवाई ने उनके अंदर खौफ पैदा किया है।

राज्य सभा में कल और आज दिनभर चली चर्चा का जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने दिया। उनके जवाब पर विपक्ष ने आपत्ति जताई। विपक्ष ने प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए। बाद में सदन से बाहिर्गमन किया। विपक्ष का कहना था कि संसद में मौजूद होने के बाद भी प्रधानमंत्री राज्य सभा में अनुपस्थित हैं। वहीं गृह मंत्री ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति में इस बाबत तय हो गया था। हमने कहा था कि विपक्ष को चर्चा में पर्याप्त समय दिया जाएगा। हालांकि सरकार तय करेगी की जवाब कौन देगा।

अमित शाह ने अपने भाषण की शुरुआत ऑपरेशन ‘महादेव’ की जानकारी से की। उन्होंने कहा कि इसके तहत पुष्ट तौर पर पहलगाम हमले के आतंकियों को मारा गया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम की घटना के बाद उन्हें देश भर से संदेश मिले थे। इन संदेशों के तहत ही आतंकियों के सिर पर गोली मारी गई।

उन्होंने विपक्ष के ऑपरेशन ‘महादेव’ के नाम पर किए गए कटाक्ष का जवाब दिया। शाह ने कहा कि ‘हर हर महादेव’ छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना का युद्ध घोष था। शाह ने विपक्ष की मानसिकता पर सवाल उठाए और कहा कि वे आज पूछ रहे हैं कि ऑपरेशन इसी समय ही क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों ने निर्जन क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान चलाकर इन आतंकियों का पीछा करके उन्हें मारा है।

गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की प्राथमिकता देश की सुरक्षा और आतंक से मुकाबला नहीं बल्कि राजनीतिक और तुष्टीकरण है। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में कट्टरता को पोषित करने वाले संगठनों को फलने-फूलने दिया। वोट बैंक की राजनीति के कारण यह संगठन युवाओं में अलगाव बढ़ाते रहे। कांग्रेस के समय में हर आतंकी गठबंधन ने अपना एक नागरिक फ्रंट भी बनाया हुआ था और पार्टी उनसे चर्चा करती रही।

शाह ने कहा, “कांग्रेस को भाजपा से आतंकवाद के बारे में सवाल पूछने का कोई अधिकार नहीं है। देश में आतंकवाद फैलने का एकमात्र कारण कांग्रेस का वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति है।”

अमित शाह ने कहा कि आज कश्मीर की स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। अब कश्मीर का युवा आतंक और हिंसा के रास्ते छोड़कर प्रगति के रास्ते अपना रहा है। पिछले 6 महीने में एक भी कश्मीरी युवा की आतंक की संगठनों में भर्ती नहीं हुई है। मारे जा रहे सभी आतंकी पाकिस्तानी है।

उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि आज भी पाकिस्तान कुछ आतंकवादी हमले करने में सक्षम है और घुसपैठ भी हो रही है, लेकिन इन घटनाओं की संख्या कम हो रही है। नरेन्द्र मोदी सरकार आतंकवाद और घुसपैठ को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

ऑपरेशन सिंदूर पर गृह मंत्री शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदीजी का संकल्प है कि कश्मीर आतंकवाद से मुक्त होकर रहेगा। शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के निर्णायक होने पर विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि निर्णायक कार्रवाई तब मानी जाती है जब सामने वाला डर जाए या सुधर जाए। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में कभी भी पाकिस्तान को डराने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि डर से ही शांति पैदा होती है। आज आतंक के आकाओं में खोफ पैदा हो गया है। उन्हें सपने में भी भारत की मिसाइल दिखती हैं।

कांग्रेस नेता पी. चिंदबरम ने कल चर्चा में कार्रवाई के निर्णायक होने पर सवाल उठाए थे। शाह ने उनके बयान का जवाब देते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में हिन्दू आतंकवाद की बात आई थी। उन्होंने कहा, “मैं देश की जनता के सामने गर्व से कह सकता हूं कि कोई भी हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता।”

शाह ने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के दौरान कश्मीर में शांति और आतंक के खिलाफ लड़ाई में हुई प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व संदेश और निर्णायक है। आज पूरे देश में पिछले 11 सालों के दौरान कश्मीर को छोड़कर कहीं भी आतंकी हमला नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति पर सवाल उठाने वाले लोगों को देखना चाहिए कि उन्हें 27 देशों के अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया है।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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