भोपाल, 5 नवंबर . राज्य शासन द्वारा मध्य प्रदेश एवं राजस्थान सरकार के मध्य चीता परियोजना के लिये कॉरिडोर प्रबंधन के संबंध में संयुक्त समिति गठित की गयी है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य-जीव अभिरक्षक, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान को समिति का संयुक्त अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. यह जानकारी मंगलवार को जनसम्पर्क अधिकारी केके जोशी ने दी.
उन्होंने बताया कि अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-प्राणी मध्य प्रदेश-राजस्थान, संचालक सिंह परियोजना चीता प्रोजेक्ट शिवपुरी, क्षेत्र संचालक/संचालक/मुख्य वन संरक्षक संबंधित टाईगर रिजर्व/वन वृत्त राजस्थान, वन मण्डलाधिकारी, कूनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर, वन मण्डलाधिकारी क्षेत्रीय वन मण्डल संबंधित जिला, राजस्थान, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि मध्य प्रदेश एवं राजस्थान और भारतीय वन्य-जीव संस्थान, देहरादून द्वारा नामांकित प्रतिनिधि को समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है.
समिति निम्न बिन्दुओं पर कार्य करेगी
समिति द्वारा चिन्हित चीता संरक्षण परिदृश्य में चीता के भ्रमण के लिये कॉरिडोर के विकास और प्रबंधन के अध्ययन के लिये मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच एमओयू पर चर्चा कर तैयार करना, राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभयारण्य क्षेत्र में दोनों राज्यों से जुड़े क्षेत्रों, जिनमें कूनो और रणथंबौर आदि शामिल हैं, उनमें संयुक्त पर्यटन मार्गों की संभावनाओं का मूल्यांकन करना, अधिकारी और फ्रंट-लाइन कर्मचारी, जो कूनो से राजस्थान तक मौजूदा कॉरिडोर के माध्यम से भ्रमण करने वाले चीतों के प्रबंधन के लिये निगरानी, गश्त और अन्य कार्यों में कार्यरत हैं, उनकी क्षमता निर्माण करना और कूनो एवं गाँधी सागर अभयारण्य क्षेत्र से चीता के भविष्य में माइग्रेशन के लिये उपयुक्त क्षेत्रों का विकास और प्रि-औगमेंटेशन बेस सहित सुधार के उपायों की अनुशंसा करना शामिल रहेगा.
तोमर
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