नई दिल्ली, 07 अप्रैल . दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को सुप्रीम कोर्ट के भवन के विस्तार के लिए 26 पेड़ों के ट्रांसप्लांट करने की अनुमति दे दी है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने ये आदेश दिया.
हाई कोर्ट ने कहा कि ये 26 पेड़ सुप्रीम कोर्ट के परिसर से ट्रांसप्लांट किए जाएंगे. इनमें से 16 पेड़ सुप्रीम कोर्ट के गार्डन से ट्रांसप्लांट किए जाएंगे जबकि बाकी पेड़ सुप्रीम कोर्ट के प्रशासनिक भवन परिसर से ट्रांसप्लांट किए जाएंगे. हाई कोर्ट ने कहा कि सीपीडब्ल्यूडी इन पेड़ों के ट्रांसप्लांटेट करने की एवज में 260 पेड़ सुंदर नर्सरी पर लगाएगा. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त कोर्ट रूम की जरुरत है जहां जजों और वकीलों के लिए चैंबर और दूसरी सुविधाओं की जरुरत के लिए भवन के विस्तार की जरुरत है. ऐसे में 26 पेड़ों के ट्रांसप्लांट करने की अनुमति दी जाती है.
हाई कोर्ट ने सीपीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया कि उसके किसी जिम्मेदार अफसर की ओर से दो हफ्ते के अंदर इस बात का हलफनामा दाखिल किया जाए कि ट्रांसप्लांट किए जाने वाले 26 पेड़ों और उनकी एवज में लगाए जाने वाले 260 पेड़ों के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे. कोर्ट ने ट्रांसप्लांट किए जा रहे पेड़ कहां लगाए जा रहे हैं, इसका विवरण मांगा है. इसके अलावा जो नए पेड़ लगाए जाएंगे उनके रख-रखाव की पेड़ों की स्थिति पर वार्षिक रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया गया है.
याचिका सीपीडब्ल्यूडी ने दायर की थी. हाई कोर्ट दिल्ली में पेड़ों के संरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई कर रहा है जिसमें सीपीडब्ल्यूडी ने अलग से याचिका दायर कर 26 पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने की अनुमति मांगी है.
/संजय
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/ प्रभात मिश्रा
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