बिश्नाेई समाज में शोक की लहर
हिसार, 15 अगस्त (Udaipur Kiran) । बिश्नोई समाज के बड़े
संत राजेन्द्रा नंद हरिद्वार वाले का हृदय गति रूकने से निधन हो गया। फिलहाल वे सिरसा जिले के डबवाली के बिश्नोई मंदिर में कथा कर रहे थे और शुक्रवार काे जन्माष्टमी
के उपलक्ष्य में शोभा यात्रा भी निकाली थी। शोभा यात्रा के बाद मंदिर पहुंचने के बाद
उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत डबवाली के अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें
पंजाब के बठिंडा रैफर कर दिया लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। उनके निधन
के शोकस्वरूप बिश्नोई समाज द्वारा जन्माष्टमी के अवसर पर किए जाने वाले सभी कार्यक्रम
रद कर दिए गए हैं।
समाज में वे गौ ऋषि के रूप में विख्यात थे। स्वामी राजेंद्रानंद गायों की सेवा के लिए कथाएं
करते थे और उसमें मिलने वाला सारा दान गौ कल्याण के लिए दे देते थे। वह अकसर हिसार,
फतेहाबाद और आसपास के क्षेत्रों में जाकर गौ सेवा का प्रचार करते थे। भाजपा नेता एवं
पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई ने शोक जताते हुए कहा कि स्वामी राजेंद्रानंद का अचानक
दिल का दौरा पड़ने से देहांत होना बेहद दुखद है। यह उनके सभी अनुयायियों और मेरे लिए
एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती।
स्वामी राजेंद्रानंद महाराज ने 9 जून को केंद्रीय
गृह मंत्रालय में जाकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। राजेंद्रानंद की अगुआई
में बिश्नोई समाज के वरिष्ठजनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार भेंट की थी। इस दौरान
उन्होंने चार प्रमुख मांगें रखी थीं। इसमें बिश्नोई समाज को केंद्र में ओबीसी आरक्षण,
जोधपुर एयरपोर्ट का नामकरण शहीद अमृता देवी बिश्नोई के नाम पर रखने, खेजड़ी वृक्षों
की रक्षा और खेजड़ली को विश्व धरोहर घोषित करने की मांग शामिल थीं।
स्वामी राजेंद्रानंद महाराज अकसर गोशालाओं में
कथा करते थे और चंदे के पैसे को गोशालाओं में ही गोकल्याण के लिए दान कर देते थे। वर्ष
2022 में हिसार के गांव मंगाली की गोशाला में कथा के दौरान स्वामी राजेंद्रानंद से
आशीर्वाद लेने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी पहुंचे थे।
हर साल हिसार के बिश्नोई
मंदिर में जन्माष्टमी पर्व पर कार्यक्रम होता है। इस कार्यक्रम में लगातार दो बार हरियाणा
के मुख्यमंत्री पहुंचे। वर्ष 2023 में कार्यक्रम में मनोहर लाल खट्टर आए और इसके बाद
2024 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सैनी पहुंचे थे।
इस बार बड़े संत के निधन के शोक स्वरूव जन्माष्टमी के सभी कार्यक्रम रद कर दिए गए हैं
और समाज में शोक की लहर है।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
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