भीलवाड़ा, 7 नवंबर .
भीलवाड़ा में बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी पांच दिवसीय हनुमंत कथा के दूसरे दिन गुरुवार पत्रकारों से चर्चा के दौरान सनातन संस्कृति, हिंदू राष्ट्र, और समाज सुधार से संबंधित कई विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए. शास्त्री ने कहा कि हर भारतीय का कर्तव्य है कि वह न केवल अपने परिवार बल्कि देश और सनातन संस्कृति की भी रक्षा करे. उन्होंने कहा, प्रत्येक भारतीय को अपनी संस्कृति के प्रति सम्मान और सुरक्षा के भाव के साथ माला और भाला अपने पास रखना चाहिए, ताकि समाज में आत्मरक्षा की भावना प्रबल हो.
बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि धर्म से राजनीति चलती है, राजनीति से धर्म नहीं चलता. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजनीति में धर्म का इस्तेमाल वोट बैंक के रूप में नहीं होना चाहिए. शास्त्री ने इसे देश का दुर्भाग्य बताया कि राजनेता अपने फायदे के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं.
धीरेंद्र शास्त्री का हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना पर विचार
हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर शास्त्री ने कहा कि जैसे अन्य देशों में बहुसंख्यक समाज को प्रमुखता मिलती है, वैसे ही भारत में भी हिंदुओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ऐसा देश बने, जहाँ विदेशों से आने वाले हिंदू शरण ले सकें. उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पिछले कुछ समय से भारत में रह रही हैं, और भारत का यह स्वभाव है कि हम अपनी सीमाओं और मेहमानों को सुरक्षित रखते हैं.
आदिवासी और असहाय बेटियों के लिए एक नई पहल
धीरेंद्र शास्त्री ने समाज सेवा के कार्यों पर चर्चा करते हुए बताया कि अब तक वे 1000 से अधिक निर्धन और आदिवासी बच्चियों का विवाह करा चुके हैं, जिनके माता-पिता नहीं होते. उन्होंने बताया कि आगामी 26 फरवरी, 2025 को 251 जोड़ों के लिए एक सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन करेंगे, जिसमें विशेष रूप से उन बच्चियों को शामिल किया जाएगा जिनके परिवार नहीं हैं. प्रत्येक दलित दूल्हे की बिंदोरी निकाली जाएगी, और शास्त्री स्वयं इस समारोह में भाग लेकर व्यवस्था संभालेंगे.
मुस्लिम समुदाय के प्रति विचार और सनातन धर्म बोर्ड की मांग
प्रयागराज महाकुंभ में मुस्लिम समुदाय को दुकानें न देने के सवाल पर शास्त्री ने कहा, मक्का-मदीना में हमारे हिंदुओं को दुकान लगाने की अनुमति नहीं मिलती, तो फिर हमारे महाकुंभ में उनकी दुकानों का क्या औचित्य है? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की तरह सनातन धर्म बोर्ड का भी गठन होना चाहिए, ताकि सनातनी संस्कृति और परंपराओं की रक्षा की जा सके. उन्होंने वक्फ बोर्ड को समाप्त करने या फिर सनातन बोर्ड के गठन की आवश्यकता पर बल दिया.
युवाओं को संदेश-आत्मनिर्भरता और सम्मान के साथ जीवन जीएं
धीरेंद्र शास्त्री ने युवाओं से अपील की कि वे स्वयं की पहचान और शक्ति को पहचाने और समाज में आदर्श स्थापित करें. उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, आप ऐसे बनें कि लोग आपके पीछे सेल्फी लेने के लिए दौड़े, न कि आपको दूसरों के पीछे दौड़ना पड़े. लव जिहाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि राजस्थान में यह समस्या बढ़ती जा रही है, और युवाओं को इससे सावधान रहना चाहिए.
धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू समाज में एकता की कमी पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि हिंदू समाज अक्सर अपने ही धर्मगुरुओं की आलोचना में समय बिताता है और सोशल मीडिया पर अपने त्योहारों का मजाक बनाता है, जबकि अन्य समुदाय अपने त्योहारों और परंपराओं का पूरी श्रद्धा से सम्मान करते हैं. उन्होंने हिंदुओं को एकजुट होकर सनातन धर्म की रक्षा करने की अपील की.
शास्त्री ने उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि आज का हिंदू समाज पहले जैसा नहीं रहा, अब हिंदू समाज जागरूक हो चुका है. उन्होंने कहा, अगर किसी ने हिंदुओं को छेड़ा, तो हिंदू उसे छोड़ेगा नहीं. शास्त्री ने हालिया घटनाओं को देखते हुए समाज से एकजुट रहने की अपील की.
—————
/ मूलचंद
You may also like
MS Paint Embraces AI: Generative Fill and Erase Features Now Available for Windows 11 Insiders
सैमसन के तूफान में उड़ा दक्षिण अफ्रीका, भारत 61 रन से जीता
Motorola's Latest Patent Hints at Revolutionary Rollable Smartphone with Full-Screen Fingerprint Sensors
Yek Number Set to Make Its OTT Debut: A Powerful Marathi Love Story with a Political Twist
Dulquer Salmaan's Lucky Bhaskar Set for OTT Debut After Impressive Box Office Run