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भारत समेत 60 देशों पर अमेरिकी टैरिफ सात अगस्त से होगा प्रभावी,ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए

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वाशिंगटन, 01 अगस्त (Udaipur Kiran) । राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने गुरुवार को भारत समेत 60 से अधिक अमेरिकी व्यापारिक साझेदार देशों के निर्यात पर नए टैरिफ (शुल्क) की घोषणा की। शुल्क की यह दर 07 अगस्त से प्रभावी होगी। इसमें भारत पर 25 फीसद और पाकिस्तान पर 19 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। ट्रंप ने वैश्विक व्यापार को फिर से पटरी पर लाने की अपनी क्रांतिकारी योजना को आगे बढ़ाते हुए आधीरात से कुछ पहले इस आशय के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए।

द न्यूयॉर्क टाइम्स, सीबीएस न्यूज और एनबीसी न्यूज की खबर के अनुसार, 60 से अधिक देशों पर टैरिफ 07 अगस्त की रात 12:01 बजे से प्रभावी होगा। इसका अपवाद सिर्फ कनाडा है, जिसके निर्यात पर 01 अगस्त की रात 12:01 बजे से टैरिफ लागू होगा। कनाडा पर लगने वाले टैरिफ में उन सभी वस्तुओं को छूट दी गई है, जिनका व्यापार अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते के तहत होता है। इस समय कनाडा से अमेरिका के आयात का बड़ा हिस्सा इन्हीं वस्तुओं का है।

कार्यकारी आदेश में कुछ ऐसे देश भी शामिल हैं जिन्होंने प्रशासन के साथ व्यापार समझौते तोड़ दिए हैं और दर्जनों ऐसे देश हैं जिनके बीच अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है। सीरिया के लिए यह शुल्क 41 फीसद, लाओस, म्यांमार के लिए 40 फीसद तक हैं। कार्यकारी आदेश में साफ किया गया है कि किसी भी देश के आयात पर 10 प्रतिशत से कम टैरिफ नहीं लगेगा।

सनद रहे ट्रंप ने पहले एक अगस्त की मध्यरात्रि के बाद से उच्च शुल्क लगाने की प्रतिज्ञा की थी। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त सात दिनों की मोहलत देने का उद्देश्य सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा को नई टैरिफ दरों को लागू करने के लिए पर्याप्त समय देना है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने 90 से अधिक देशों पर ‘मुक्ति दिवस’ पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। बाद में उसे 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद उन्होंने व्यापार समझौतों के लिए आखिरी समय-सीमा अप्रैल में तय की। फिर 09 जुलाई की समय-सीमा आई और चली गई। व्हाइट हाउस ने फिर मोहलत दी। इसके बाद ट्रंप ने अधिकतर देशों के लिए आखिरी समय-सीमा पहली अगस्त तय की। गुरुवार की हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश की सूची में लगभग 70 व्यापारिक साझेदार शामिल हैं। जो देश सूची में नहीं हैं, उनके उत्पादों पर 10 फीसद टैरिफ लगेगा।

कुछ देशों के लिए गुरुवार की टैरिफ सूची में उन दरों की तुलना में कम दरें हैं जिनकी घोषणा मुक्ति दिवस पर की गई थी। कुछ अन्य देशों के टैरिफ में थोड़ी वृद्धि की गई है। उदाहरण के लिए अप्रैल में मेडागास्कर पर 47 फीसद टैरिफ लगाने की घोषणा की गई थी। गुरुवार को मेडागास्कर पर सिर्फ 15 फीसद टैरिफ लगाया गया। वहीं स्विट्जरलैंड की दर 31 प्रतिशत से बढ़ाकर 39 फीसद कर दी गई।

हाल के हफ्तों में ट्रंप के साथ समझौते करने वाले कुछ व्यापारिक साझेदारों में जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इनके लिए नई टैरिफ सूची व्यापारिक समझौतों के अनुरूप है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि सूची में अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी देश के साथ अमेरिका का व्यापार अधिशेष है (यानी अमेरिका उस देश को आयात से अधिक सामान निर्यात करता है) तो उस देश के सामान पर 10 फीसद टैरिफ दर लागू होगी। अगर अमेरिका का व्यापार घाटा कम है, तो उस देश से आयात पर आम तौर पर 15 फीसद टैरिफ लगेगा। जिन देशों के साथ अमेरिका का घाटा अधिक है, उन्हें ज्यादा टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।

संयुक्त राज्य अमेरिका के तीन सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में मेक्सिको, कनाडा और चीन हैं। व्हाइट हाउस ने गुरुवार को घोषणा की कि शुक्रवार से प्रभावी कनाडाई वस्तुओं पर शुल्क 25 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत हो जाएगा। ट्रंप मेक्सिको और चीन को भी टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे रहे हैं, लेकिन मेक्सिको को गुरुवार को 90 दिनों का विस्तार मिल गया और चीन के साथ समझौता करने की 12 अगस्त की समय सीमा भी तीन महीने के लिए बढ़ाए जाने की उम्मीद है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर दस्तखत करने के बाद एक साक्षात्कार में कहा कि जिन देशों ने अभी तक व्यापार समझौता नहीं किया है, उनके लिए नए आयात शुल्क से बचने के लिए बहुत देर हो चुकी है। बावजूद इसके वह बातचीत करने के लिए तैयार हैं। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप के व्यापार समझौतों ने अमेरिकी निर्यात के लिए उन अर्थव्यवस्थाओं तक अभूतपूर्व पहुंच खोल दी है जिनका कुल मूल्य 32 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है और जिनकी आबादी 1.2 अरब है।

(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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