Next Story
Newszop

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मोरल पुलिसिंग कोर्ट का काम नहीं

Send Push

नई दिल्ली, 08 अप्रैल . सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मोरल पुलिसिंग कोर्ट का काम नहीं है. जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने तहसीन पूनावाला और विशाल ददलानी पर 2016 में जैन साधुओं पर किए ट्वीट को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से दस लाख रुपये का जुर्माना लगाये जाने के आदेश को निरस्त करते हुए ये टिप्पणी की.

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि कोर्ट मोरल पुलिसिंग का काम नहीं कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने कोई अपराध नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट को ये सलाह देने की जरुरत नहीं है कि जैन साधुओं का योगदान याचिकाकर्ताओं से काफी ज्यादा है.

2 सितंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों याचिकाकर्ताओं पर दस-दस लाख रुपये का जुर्माना लगाने वाले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया था. दोनों पर आरोप था कि उन्होंने जैन मुनि तरुण सागर जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. हाई कोर्ट ने दोनों पर दस-दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिये थे.

26 अगस्त 2016 को जैन मुनि तरुण सागर ने हरियाणा विधानसभा में प्रवचन दिया था जिसको लेकर विशाल ददलानी ने ट्वीट किया था. इसको लेकर अंबाला छावनी के पुनीत अरोड़ा नाम के व्यक्ति ने ददलानी के खिलाफ पुलिस को शिकायत की जिसके बाद अंबाला में विशाल ददलानी के खिलाफ जैन समुदाय की धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया गया था.

/संजय

—————

/ प्रभात मिश्रा

Loving Newspoint? Download the app now