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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पर अधिकार प्राप्त समिति की 67वीं बैठक के लिए प्रेस विज्ञप्ति

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जम्मू, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । जम्मू और कश्मीर एवं लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेशों के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पर अधिकार प्राप्त समिति की 30 जून 2025 को समाप्त तिमाही के लिए 67वीं बैठक दिनांक 13 अगस्त 2025 को भारतीय रिज़र्व बैंक, जम्मू में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता श्री चंद्रशेखर आजाद, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, जम्मू द्वारा की गई और इसमें उद्योग और वाणिज्य विभाग, जम्मू के संयुक्त निदेशक; एमएसएमई-विकास और सुविधा कार्यालय के सहायक निदेशक; जम्मू और कश्मीर बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू और कश्मीर ग्रामीण बैंक, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के नियंत्रक प्रमुख; यूटीएलबीसी, जम्मू और कश्मीर एवं यूटीएलबीसी, लद्दाख के संयोजक बैंकों के अधिकारी; पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स और बड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया।

क्षेत्रीय निदेशक ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि 24 जुलाई 2025 को हस्ताक्षरित हाल के भारत-यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) के तहत द्विपक्षीय सहयोग के लिए लघु और मध्यम उद्यमों को एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है, जिसका उद्देश्य व्यापार सुविधा और बाजार पहुंच के माध्यम से भारतीय एमएसएमई के लिए नए अवसर पैदा करना है। क्षेत्रीय परिदृश्य को प्रतिबिंबित करते हुए, उन्होंने बताया कि जम्मू और कश्मीर एवं लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों में पंजीकृत एमएसएमई की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। इन दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में पिछले चार वर्षों में पंजीकृत एमएसएमई इकाइयों की संख्या लगभग 24 गुना और 22 गुना बढ़कर क्रमशः 7.47 लाख और 18,708 हो गई है। उन्होंने हितधारकों से औपचारिकता को अपनाने, क्रेडिट अनुशासन सुनिश्चित करने, उद्यम पोर्टल पर एमएसएमई के पंजीकरण को प्राथमिकता देने और टीआरईडीएस (TReDS) पर ऑनबोर्डिंग करने का आग्रह किया।

इसके बाद, समिति ने टीआरईडीएस (ट्रेड्स), उद्यम पंजीकरण, एमएसएमई क्षेत्र को ऋण के प्रवाह की समीक्षा, एमएसएमई पर प्रधानमंत्री टास्क फोर्स द्वारा अनुशंसित लक्ष्यों की प्राप्ति, एनपीए की स्थिति, सीजीटीएमएसई कवरेज, पीएमईजीपी के तहत प्रायोजित मामलों की समीक्षा, एमएसएमई के पुनरुद्धार और पुनर्वास (एफआरआर) फ्रेमवर्क के अनुसार दबावग्रस्त इकाइयों के पुनर्वास, तथा एमएसएमई समूहों में बैंकिंग सुविधाओं की समीक्षा आदि विषयों पर बैंकों के कार्य निष्पादन की समीक्षा की

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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