जम्मू, 27 अप्रैल . डोगरी संस्था जम्मू और श्री दीनू भाई पंत मेमोरियल ट्रस्ट ने के.एल. सहगल हॉल, अभिनव थिएटर जम्मू में आयोजित एक सादे लेकिन प्रभावशाली समारोह में वरिष्ठ डोगरी साहित्यकारों प्रो. वीणा गुप्ता और प्रकाश प्रेमी को क्रमशः वर्ष 2022 और 2023 के लिए प्रतिष्ठित दीनू भाई पंत स्मृति जीवनपर्यन्त उपलब्धि पुरस्कार प्रदान किए, जिसमें सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली मुख्य अतिथि थे.
यहां यह उल्लेखनीय है कि इन पुरस्कार विजेताओं से पहले प्रख्यात डोगरी साहित्यकार पद्मश्री पद्मा सचदेव, वेद राही, पद्मश्री नरसिंह देव जम्वाल, डॉ. ओम गोस्वामी और ध्यान सिंह को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं. इस अवसर पर मुख्य अतिथि और सम्मानित सभा का स्वागत करते हुए डोगरी संस्था के प्रधान प्रो. ललित मगोत्रा ने कहा कि 1940 के दशक में जम्मू के साहित्यिक परिदृश्य पर दीनू भाई पंत का आगमन हर तरह से एक चमत्कारी घटना थी और निस्संदेह यह उनकी कविताओं की अपार लोकप्रियता थी जो डोगरी में एक गेम चेंजर साबित हुई और ‘शैहर पैहलो पैहल गे’ इन कविताओं में अग्रणी थी. उन्होंने आगे कहा कि श्री दीनू भाई पंत मेमोरियल ट्रस्ट के सहयोग से यह पुरस्कार प्रसिद्ध डोगरी साहित्यकारों के योगदान का सम्मान करता है और प्रो. वीणा गुप्ता और प्रकाश प्रेमी वास्तव में इसके हकदार हैं. श्री दीनू भाई पंत मेमोरियल ट्रस्ट की ट्रस्टी रतन प्रभा ने भी इस अवसर पर अपनी बात रखी और डोगरी लेखकों की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए इस पुरस्कार को शुरू करने के पीछे की भावना के बारे में बताया, जिसमें शॉल, प्रशस्ति पत्र, पदक और 51,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है.
इस अवसर पर प्रख्यात डोगरी, हिंदी और अंग्रेजी लेखक राजेश्वर सिंह ‘राजू’ ने प्रो. वीणा गुप्ता के बारे में एक प्रशस्ति पत्र पढ़ा जबकि प्रसिद्ध रंगमंच कार्यकर्ता राज कुमार बहरूपिया ने प्रकाश प्रेमी के बारे में एक प्रशस्ति पत्र पढ़ा. उन्होंने दीनू भाई पंत द्वारा लिखित एक बेहद लोकप्रिय कविता भी सुनाई.
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि वे दोनों डोगरी साहित्य के प्रतीक हैं और कई लोगों को अपनी मातृभाषा में रचनात्मक कार्यों को लिखने के लिए प्रेरित करते हैं. हालांकि उन्होंने चिंता व्यक्त की कि युवा पीढ़ी में बहुत से नौजवान डोगरी नहीं बोलते हैं , जो मातृभाषा के भावी अस्तित्व के लिए खतरा है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि हम अपनी मातृभाषा के प्रति अपने कर्तव्यों को समझेंगे और इसे संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए सभी प्रयास करेंगे. इस अवसर पर, पुरस्कार विजेताओं प्रो. वीणा गुप्ता और प्रकाश प्रेमी ने अपनी साहित्यिक यात्राओं के साथ-साथ दीनू भाई पंत के साथ अपने जुड़ाव के बारे में संस्मरण भी सांझा किए.
पुरस्कार वितरण समारोह की कार्यवाही का संचालन प्रख्यात रंगमंच कार्यकर्ता और डोगरी कवि पवन वर्मा ने किया, जबकि कार्यक्रम के अंत में डोगरी संस्था जम्मू के महामंत्री राजेश्वर सिंह ‘राजू’ ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया. पुरस्कार समारोह में अनेक साहित्यकार, डोगरी प्रेमी, प्रो. वीणा गुप्ता, प्रकाश प्रेमी और दीनू भाई पंत के परिवार के सदस्य शामिल हुए.
/ राहुल शर्मा
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