प्रदेश में जारी बाढ़ संकट के बीच सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राहत कार्यों को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। सपा प्रमुख ने कहा कि बाढ़ राहत के लिए गठित मुख्यमंत्री की टीम इलेवन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सरकार की खोखली घोषणाओं से जनता को कोई राहत नहीं मिल रही है। संकट में फंसे लोगों को बचाने के बजाय सरकार बयानबाजी में ही अपनी उपलब्धि समझ रही है। मुख्यमंत्री का हवाई सर्वेक्षण सिर्फ़ बाढ़ पर्यटन बनकर रह गया है।
सपा प्रमुख ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ से लाखों लोग और पशु संकट में हैं। मथुरा, आगरा, अलीगढ़, शाहजहाँपुर, पीलीभीत, कानपुर देहात, औरैया, इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद, सीतापुर, हरदोई, वाराणसी आदि जिलों में हालात खराब हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों को खाना, पानी, दवा और इलाज नहीं मिल रहा है। संकट की घड़ी में सरकार कहीं नज़र नहीं आ रही है।
जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। बाढ़ राहत के नाम पर सिर्फ़ कागज़ों पर औपचारिकताएँ पूरी की जा रही हैं। पहले से ही महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों पर बाढ़ ने कहर बरपा दिया है। लोग जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री को जनता की समस्याओं की कोई परवाह नहीं है।
वहीं, सपा प्रमुख ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर आगरा में महिला कल्याण मंत्री बेबी रानी मौर्य की किसानों के साथ बैठक में अधिकारियों के शामिल न होने को लेकर भाजपा में गुटबाजी पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा कि भाजपा डिमोशन पर डिमोशन का मौका नहीं छोड़ती, आखिर किसके आदेश पर अधिकारी कैबिनेट मंत्रियों की अनदेखी कर रहे हैं। क्या यह भी किसी अंदरूनी कलह की कहानी है? सपा प्रमुख ने डिजिटल गिरफ्तारियों की बढ़ती घटनाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा।
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