झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को विपक्षी हंगामे के बीच शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
विपक्षी विधायकों ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर और रिम्स-2 से जुड़े विवादों को लेकर हाथों में तख्तियां लेकर सदन में प्रवेश किया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए सरकार की आलोचना की और सदन की कार्यवाही के दौरान अपने विरोध का प्रदर्शन किया।
सदन में प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष ने वेल में उतरकर लगातार नारेबाजी की। उनका आरोप था कि सूर्या हांसदा एनकाउंटर के मामले में सरकार चुप्पी साधे हुए है और इस संबंध में जनता को स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। विपक्ष ने इस घटना को लेकर जवाबदेही और जवाब मांगने की प्रक्रिया तेज करने की मांग की।
इसके अलावा, रिम्स-2 परियोजना को लेकर भी विपक्ष ने सत्तारूढ़ गठबंधन पर सवाल उठाए। उनका आरोप था कि परियोजना के लिए भूमि आवंटन और संबंधित प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है। विपक्ष ने कहा कि सरकार को रिम्स-2 की भूमि को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
सदन में यह हंगामा लंबे समय तक जारी रहा और कार्यवाही को प्रभावित किया। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों को अनुशासन बनाए रखने के लिए कई बार चेताया, लेकिन नारेबाजी जारी रही। अधिकारियों ने कहा कि यह सत्र राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील है और विपक्ष की सक्रियता इसे और अधिक गर्म बनाने वाली है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्या हांसदा एनकाउंटर और रिम्स-2 से जुड़े विवाद राज्य में सत्ता और विपक्ष के बीच राजनीतिक टकराव को और तेज कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि विपक्ष का यह विरोध आगामी महीनों में विधानसभा और स्थानीय चुनावों पर भी असर डाल सकता है।
सत्तारूढ़ गठबंधन ने विपक्ष के आरोपों का खंडन किया और कहा कि सरकार ने सभी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बनाए रखी है। उन्होंने यह भी कहा कि सूर्या हांसदा एनकाउंटर और रिम्स-2 परियोजना से जुड़ी सभी जानकारियां समय पर सार्वजनिक की जाएंगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस सत्र के दौरान राजनीतिक टकराव और हंगामा आम रहने की संभावना है। विपक्ष लगातार सवाल उठाकर सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा, जबकि सत्ता पक्ष अपनी नीतियों और परियोजनाओं की रक्षा करेगा।
इस प्रकार, झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र राजनीतिक विवादों और मुद्दों के बीच शुरू हुआ, जिसमें सूर्या हांसदा एनकाउंटर और रिम्स-2 परियोजना प्रमुख केंद्र बने हुए हैं। यह सत्र राज्य की राजनीतिक दिशा और आगामी रणनीतियों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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