15 अप्रैल को अपराह्न तीन बजे सिकंदराराऊ थाने के बगल में पुरदिलनगर रेलवे अंडरपास के ऊपर पड़ी पॉलीशीट में अचानक आग लग गई। पॉली शीट भयंकर रूप से जलने लगी। अंडरपास पर पड़ी सभी 20 पॉलीशीटें जल गईं। ऐसा कहा जा रहा है कि पास के कूड़े के ढेर से निकली चिंगारी के कारण आग लगी। जानकारी पर
रेलवे प्रशासन ने सिकंदराराऊ-पुरीदिलनगर रेलवे लाइन पर रेलवे क्रॉसिंग हटाकर अंडरपास का निर्माण करा दिया है। अंडरपास के ऊपर लोहे के फ्रेम में 20 पॉली शीट लगाई गईं। 15 अप्रैल को दोपहर करीब 3 बजे जैसे ही हम अंडरपास में दाखिल हुए, बाईं ओर रेलवे लाइन के पास पड़े कूड़े के ढेर में आग लग गई। तेज हवा के कारण आग की चिंगारियां इधर-उधर फैलने लगीं। कुछ चिंगारियां अंडरपास पर पड़ी पॉली शीट पर गिर गईं। तेज धूप के कारण पॉलीशीट में आग लग गई। कुछ ही देर में 20 से अधिक चादरें घने धुएं के साथ जलने लगीं।
आग लगते ही अंडरपास से गुजर रहे वाहनों के पहिए थम गए। वहां हंगामा मच गया। जैसे ही खबर नजदीकी पुलिस स्टेशन पहुंची, पुलिस भी वहां पहुंच गई। फायर ब्रिगेड को बुलाया गया और लोगों की मदद से आग बुझाने का प्रयास किया गया। सूचना मिलने पर दमकल विभाग की गाड़ियां पहुंची और पानी की बौछार कर आग पर काबू पाया। इस दौरान आस-पास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष मुशीर अहमद का कहना है कि पुरदिलनगर रेलवे अंडरपास के आसपास कूड़ा नहीं डाला जा रहा है और वह स्वयं इस मामले की जांच करेंगे।
कचरे के कारण लगी आग
नगर पालिका पूरे शहर का कूड़ा-कचरा इस अंडरपास के आसपास डाल रही है। इस कचरे में हर दिन आग लगती रहती है। कई बार आसपास के किसानों ने प्रशासन से शिकायत भी की है कि कूड़े के ढेर से निकलने वाली चिंगारियों के कारण उनके खेतों में कभी भी आग लग सकती है। इससे बड़ा नुकसान हो सकता है, लेकिन नगर निगम प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
अग्निशमन कर्मी आग बुझा रहे हैं।
आग रेल की पटरियों के नीचे तक पहुंच गयी होगी...
सिकंदराराऊ कोतवाली परिसर से सटे पुरदिलनगर रेलवे अंडरपास की छत पर लगी आग पर यदि समय रहते काबू न पाया जाता तो आग रेलवे ट्रैक के नीचे पड़ी शीटिंग तक पहुंच जाती। यदि उस समय कोई ट्रेन गुजर जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था। आपको बता दें कि रेलवे प्रशासन ने कई रेलवे क्रॉसिंग बंद कर दी हैं और अंडरपास बना दिए हैं। अंडरपास के आसपास कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। कूड़े के ढेर में आग लगने की यह पहली घटना नहीं थी; इससे पहले भी कूड़े के ढेरों में कई बार आग लग चुकी है। मथुरा-कानपुर के बीच ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के निर्माण के बाद इस मार्ग पर रेल यातायात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।