महाराष्ट्र के बीड जिले के गेवराई कस्बे से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पिता ने अपनी पांच साल की मासूम बेटी के साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं। मां की मौत के बाद नशे में धुत इस पिता ने अपनी बेटी को रस्सियों से बांधकर जानवरों वाले बाड़े में बंद कर दिया और उसे खाने के लिए केवल केले व तरबूज के छिलके देता था। यह अमानवीय सलूक तब उजागर हुआ जब पड़ोसी महिला ने बच्ची के रोने की आवाज सुनकर उसकी मदद की। बच्ची को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया और मामले की सूचना पुलिस को दी गई। आरोपी पिता फिलहाल फरार है और उसकी खोज जारी है।
मां की मौत के बाद शुरू हुआ जुल्ममिली जानकारी के अनुसार, गेवराई कस्बे में रहने वाली बच्ची की मां की हाल ही में मौत हो चुकी थी। इसके बाद से बच्ची का पिता नशे के आदी हो गया और उसने अपनी मानसिक रूप से कमजोर बेटी पर बर्बर अत्याचार करना शुरू कर दिया। पिता ने बच्ची को मानसिक रोगी बताते हुए उससे अमानवीय व्यवहार किया। उसने मासूम के पैरों को रस्सियों से बांध दिया और उसे जानवरों की तरह पशु बाड़े में बंद कर रखा था।
जानवरों की तरह रखी गई बच्चीपिता अपनी बेटी को जानवरों की तरह रखता था। बच्ची को खाने में केले और तरबूज के छिलके मिलते थे, जो उसकी पोषण की कमी और दुर्दशा को दर्शाता है। बच्ची अपने पिता के क्रूर व्यवहार से बेहद डरी-सहमी और मानसिक रूप से तनावग्रस्त हो गई थी। उसके दर्दनाक हालातों को देखकर पड़ोसियों में भी सहानुभूति और चिंता फैल गई।
पड़ोसी महिला ने बचाई बच्चीयह घटना तब सामने आई जब पड़ोस की एक महिला ने बच्ची की आवाज सुनी और जब जाकर देखा तो वह रस्सी से बंधी हुई रो रही थी। महिला ने बच्ची को तुरंत हिना शेख हज हाउस के पास स्थित खालिद अहमद अनाथालय में ले जाकर सुरक्षित किया। अनाथालय प्रशासन ने तुरंत बाल कल्याण समिति और पुलिस को इस मामले की जानकारी दी। इसके बाद बच्ची को उचित इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
पुलिस ने दर्ज किया केस, आरोपी पिता फरारबाल कल्याण समिति और पुलिस ने मिलकर मामले की गंभीरता को समझते हुए आरोपी पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपी अभी तक फरार है और उसकी खोज जारी है। पुलिस ने इलाके में संदिग्धों की जांच तेज कर दी है ताकि जल्द से जल्द आरोपी को पकड़कर बच्ची को सुरक्षित किया जा सके।
बाल सुरक्षा और जागरूकता की जरूरतयह दर्दनाक घटना महाराष्ट्र में बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को फिर से रेखांकित करती है। खासकर ऐसे बच्चों के प्रति जो मानसिक रूप से कमजोर होते हैं, उन्हें विशेष सुरक्षा और सहानुभूति की जरूरत होती है। समाज, प्रशासन और बाल कल्याण समितियों को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
मासूम बच्ची के साथ इस अमानवीय व्यवहार ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। उम्मीद है कि आरोपी पिता जल्द पकड़ा जाएगा और बच्ची को उचित सुरक्षा तथा देखभाल मिलेगी। इस मामले ने बच्चों के प्रति हमारे दायित्व और संवेदनशीलता को पुनः जागृत करने का काम किया है।
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