Next Story
Newszop

Ramnavmi 2025: कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त केवल इतने मिनट का, वायरल वीडियो में जाने सही समय, पूजन विधि और मंत्र जाप

Send Push

चैत्र नवरात्रि की राम नवमी कल यानी 6 अप्रैल को है। राम नवमी के साथ ही चैत्र नवरात्रि का समापन हो जाएगा। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद देवी के स्वरूप मानकर 9 कन्याओं की पूजा की जाती है। फिर उन्हें हलवा-पूरी और चने का प्रसाद दिया जाता है। कन्या पूजन में कन्याओं के साथ बटुक भैरव के स्वरूप के रूप में एक बालक को भी बैठाया जाता है। इस बालक को बैठाए बिना कन्या पूजन अधूरा माना जाता है। आइए जानते हैं इस बार राम नवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।

सबसे पहले मां सिद्धिदात्री की पूजा
राम नवमी पर सबसे पहले मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन तन-मन से शुद्ध होकर मां के सामने बैठें। उनके सामने दीपक जलाएं और उन्हें नौ कमल के फूल अर्पित करें। साथ ही मां सिद्धिदात्री को नौ तरह के खाद्य पदार्थ भी अर्पित करें। माता के मंत्र "ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः" का यथासंभव जाप करें। अर्पित किए गए कमल के फूल को लाल कपड़े में लपेटकर रखें। देवी को अर्पित किए गए खाद्य पदार्थों को गरीबों में बांट दें। इसके बाद कन्या पूजन की प्रक्रिया शुरू करें।

कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है?
राम नवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त रविवार, 6 अप्रैल को सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:50 बजे तक रहने वाला है। यानी आपको कन्या पूजन के लिए सिर्फ एक घंटा ही मिलने वाला है।

कन्या पूजन विधि
कन्या पूजन के बिना नवरात्रि अधूरी है। मान्यता है कि राम नवमी पर कन्या पूजन करने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है और माता को प्रसन्न करने से मनचाहा फल मिलता है। इस दिन छोटी कन्याओं को देवी दुर्गा का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। नवमी के दिन कन्या पूजन से एक दिन पहले कन्याओं को अपने घर आने के लिए आमंत्रित करें। पूजन के दिन जब कन्याएं आएं तो सबसे पहले उनका आदरपूर्वक घर में स्वागत करें। उन पर पुष्प वर्षा करें। फिर उनके पैर धोएं। उन्हें स्वच्छ आसन पर बैठाएं। उनकी आरती करें। चंदन का तिलक लगाएं और हाथ पर रक्षासूत्र बांधें। इसके बाद उन्हें भोजन कराएं। ध्यान रखें कि उनके भोजन में लहसुन-प्याज न हो। उन्हें खीर-पूरी, चने की सब्जी आदि खिलाएं। फिर भोजन के बाद उनके हाथ धुलवाएं। इसके बाद दान-दक्षिणा देकर उनके पैर छूकर प्रणाम करें। मां की स्तुति करते हुए उन्हें आदरपूर्वक विदा करें।

नवमी पर नौ ग्रहों की शांति के उपाय 
नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री के सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं। संभव हो तो मां को कमल का फूल अर्पित करें। कमल का फूल न मिले तो कोई भी लाल फूल अर्पित करें। मां सिद्धिदात्री को मिश्री, गुड़, हरी सौंफ, केला, दही, देसी घी और पान का पत्ता क्रम से चढ़ाएं। फिर देवी से सभी ग्रहों को शांत करने की प्रार्थना करें।

मां सिद्धिदात्री आपको भय से मुक्त करेंगी
नवमी के दिन एक पान के पत्ते पर देसी कपूर के साथ 9 साबुत लौंग रखें और 9 लाल गुलाब के फूलों के साथ देवी को अर्पित करें और अपने अज्ञात भय को समाप्त करने की प्रार्थना करें। लाल आसन पर बैठकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे मंत्र का जाप करें। जाप के बाद लौंग को अपने सिर के ऊपर से 7 बार उलटा घुमाएं और देसी कपूर में जला दें। अज्ञात भय दूर होगा और आपको देवी सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त होगी।

Loving Newspoint? Download the app now