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हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी को बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। हर साल यह त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तक चलता है। इन दस दिनों में घरों, मंदिरों और मंडपों में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना कर उनकी पूजा की जाती है।
गणेश उत्सव का पहला दिन सबसे खास माना जाता है क्योंकि इसी दिन बप्पा का घर में आगमन होता है। इसलिए इस दिन कुछ काम विशेष रूप से करने चाहिए और कुछ करने से बचना चाहिए।
गणेश चतुर्थी के पहले दिन करें ये काम
सबसे पहले सुबह घर के पूजा स्थल या मंडप को साफ करके सजाएँ।
इसके बाद शुभ मुहूर्त में बप्पा की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। इस वर्ष सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे के बीच का समय गणेश स्थापना के लिए बहुत शुभ माना जा रहा है।
मूर्ति स्थापित करते समय संकल्प लेना ज़रूरी है। अगर आप बप्पा को डेढ़ दिन, पाँच, सात या दस दिन के लिए घर में विराजमान करने जा रहे हैं, तो पहले दिन ही संकल्प लें। फिर नियत दिन पर विसर्जन कर दें।
गणेश स्थापना के साथ ही कलश स्थापना भी आवश्यक है। कलश को गणेश जी के बगल में रखें। कलश में गंगाजल भरें, उसमें सुपारी, अक्षत, कुमकुम, सिक्के, आम के पत्ते डालें और ऊपर एक नारियल रखें।
गणेश चतुर्थी के पहले दिन इन बातों का ध्यान रखें
चंद्र दर्शन
इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना अशुभ माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि ऐसा करने से कलंक लग सकता है।
वाद-विवाद से बचें
चूँकि यह बप्पा के आगमन का दिन है, इसलिए इस दिन वाद-विवाद, झगड़े और कटु वचनों से बचना चाहिए। घर और मन में सकारात्मकता बनाए रखें।
तुलसी न चढ़ाएँ
गणपति को कभी भी तुलसी के पत्ते न चढ़ाएँ। शास्त्रों के अनुसार, इसे वर्जित माना गया है।
मूर्ति को अकेला न छोड़ें
गणेश स्थापना के बाद बप्पा की मूर्ति को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। हो सके तो उनके सामने हमेशा दीपक, फूल और कोई न कोई व्यक्ति अवश्य रखें।
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