लाइव हिंदी खबर:- जब शरीर के किसी हिस्से में मवाद या पस जमा हो जाता है, तो इसे एब्सेस या फोड़ा कहा जाता है। यह समस्या शरीर के किसी भी भाग में उत्पन्न हो सकती है। इसके कारण त्वचा उभरी हुई दिखाई देती है और उसमें मवाद भर जाता है, जिसे छूने पर दर्द होता है।
फोड़े-फुंसियों के कारण
फोड़े या फुंसियों के बनने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे बैक्टीरियल संक्रमण, खाद्य एलर्जी, लिम्फ नलिकाओं में रुकावट, त्वचा की उचित सफाई न करना, शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमा होना, और गर्म चीजों का अधिक सेवन करना। हालांकि, आयुर्वेद में इनसे छुटकारा पाने के लिए कई प्रभावी उपाय बताए गए हैं। इनमें से एक प्रमुख उपाय है नीम की छाल का उपयोग।
नीम की छाल का उपयोग
नीम का पेड़ अनेक गंभीर बीमारियों का इलाज करने में सक्षम है। वर्तमान में नीम से कई औषधियाँ भी बनाई जा रही हैं। जब शरीर पर फोड़े या फुंसियाँ हों, तो उन्हें हाथ से न छेड़ें, क्योंकि इससे बैक्टीरिया अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं और गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं।
उपचार विधि
फोड़े-फुंसियों से राहत पाने के लिए नीम की छाल को पत्थर पर घिसकर उसमें थोड़ा पानी मिलाएँ और इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाकर सूखने दें। यह उपाय फोड़े-फुंसियों को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। नीम की छाल में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीसेप्टिक और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो त्वचा पर मौजूद फोड़े-फुंसियों को समाप्त करते हैं और संक्रमण के फैलने से रोकते हैं।
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