रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखने के लिए मैग्नीशियम की भूमिका को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। यह तत्व रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि मैग्नीशियम कैसे मदद करता है और इसे अपने आहार में कैसे शामिल किया जा सकता है।
मैग्नीशियम का प्रभाव
इंसुलिन संवेदनशीलता में वृद्धि - मैग्नीशियम शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। जब शरीर में इसकी कमी होती है, तो इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता है, जिससे ग्लूकोज कोशिकाओं में नहीं जा पाता और रक्त में बढ़ जाता है।
ग्लूकोज चयापचय में सुधार - यह इंसुलिन के स्राव को बढ़ाकर ग्लूकोज के चयापचय को बेहतर बनाता है।
सूजन को कम करना - मैग्नीशियम में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो मधुमेह से जुड़ी सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
मैग्नीशियम की कमी के संकेत
थकान और कमजोरी,
मांसपेशियों में ऐंठन या कंपन,
अनियमित हृदय गति,
चिड़चिड़ापन।
अपने आहार में मैग्नीशियम कैसे शामिल करें? हरी पत्तेदार सब्जियाँ:
पालक, केल, मेथी, सरसों का साग और ब्रोकली जैसे हरी सब्जियाँ मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं।
मेवे और बीज:
बादाम और काजू जैसे मेवे न केवल स्वास्थ्यवर्धक होते हैं, बल्कि मैग्नीशियम की आवश्यकता को भी पूरा करते हैं। कद्दू और सूरजमुखी के बीज भी अच्छे विकल्प हैं।
साबुत अनाज:
राजगिरा और कुट्टू जैसे अनाज मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। दलिया नाश्ते के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
दालें और फलियाँ:
काले चने, राजमा, मूंग दाल और सोयाबीन जैसे दालें भी मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत हैं।
डार्क चॉकलेट:
70% या उससे अधिक कोको वाली डार्क चॉकलेट मैग्नीशियम से भरपूर होती है।
केला और एवोकाडो:
केला और एवोकाडो दोनों ही मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं।
वसायुक्त मछली:
सैल्मन और मैकेरल जैसी मछलियाँ प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ-साथ मैग्नीशियम भी प्रदान करती हैं।
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