Ram Navami 2025: इस वर्ष अयोध्या में रामनवमी का पर्व बेहद धूमधाम से मनाया जा रहा है, जहां हर दिशा में प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव की खुशियों का माहौल है। राम जन्मभूमि मंदिर में यह दूसरा जन्मोत्सव है, और श्रद्धालुओं में इस अवसर को लेकर अपार उत्साह है। इस खास दिन पर रामलला का अभिषेक, श्रृंगार और भव्य पूजा का आयोजन किया गया है। इस बार का उत्सव और भी विशेष है, क्योंकि सूर्य तिलक की परंपरा को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मनाया जा रहा है।
रामलला का अभिषेक और सूर्य तिलक का आयोजन
रामनवमी के दिन सुबह 9:30 बजे रामलला का अभिषेक किया गया और उनके श्रृंगार की रस्में पूरी की गईं। इसके बाद भगवान राम को भोग अर्पित किया गया। दोपहर 12 बजे, जब चैत्र शुक्ल नवमी का शुभ मुहूर्त आया, रामलला का जन्मोत्सव मनाया गया और सूर्य तिलक का आयोजन हुआ। सूर्य तिलक एक धार्मिक परंपरा है, जिसमें भगवान श्रीराम के ललाट पर सूर्य की किरणों से तिलक किया जाता है। इस दृश्य को लगभग चार मिनट तक देखा गया और इसका सीधा प्रसारण टीवी चैनल्स और LED स्क्रीन के जरिए किया गया, ताकि दुनियाभर में भक्त इसका लाभ उठा सकें।
सूर्य तिलक: एक वैज्ञानिक चमत्कार
सूर्य तिलक की परंपरा रामलला के सूर्यवंशी होने के कारण निभाई गई। इस बार इसे विशेष वैज्ञानिक तरीके से किया गया और इस आयोजन में इसरो के वैज्ञानिकों ने भी सहयोग किया। यह घटना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी, बल्कि विज्ञान के अद्भुत प्रयोग का उदाहरण भी प्रस्तुत करती है।
भक्ति के गीतों से गूंजता वातावरण
राम जन्मभूमि परिसर में दस विद्वान पंडितों द्वारा एक लाख श्रीराम मंत्रों का जाप किया गया, जिससे वातावरण को भक्तिमय बनाया गया। प्रतिदिन तीन घंटे तक हवन किया गया और रामचरितमानस तथा वाल्मीकि रामायण का पारायण हुआ। इसके अलावा, अंगद टीला पर कथा का आयोजन भी किया गया।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम
अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत देने के लिए प्रशासन ने कई इंतजाम किए हैं। पेयजल, शीतल जल और कूलर की व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। हनुमानगढ़ी के पास विशेष ध्यान दिया गया है ताकि भारी भीड़ के कारण कोई समस्या न हो। पूरे अयोध्या को साफ-सुथरा रखा गया और मंदिरों के आसपास सजावट की गई है।
25 लाख श्रद्धालुओं का स्वागत करने को तैयार अयोध्या
रामनवमी के दिन अयोध्या में लगभग 25 से 30 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गेट नंबर 3 को निकासी द्वार बनाया है। इसके अलावा, LED वैन और स्क्रीन के जरिए हर कोने में उत्सव का प्रसारण हो रहा है, ताकि कोई भी भक्त इस ऐतिहासिक क्षण को मिस न कर सके।
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