शनि के गोचर का प्रभाव और राशियों पर असर
मेष राशि
सिंह राशि
धनु राशि
कुंभ राशि
मीन राशि
शनि के प्रभाव को कम करने के उपायशनिवार को सरसों के तेल का दान:
एक कटोरे में सरसों का तेल लें, उसमें अपना चेहरा देखें और फिर उसे किसी मंदिर में दान करें। हनुमान जी की पूजा:
शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें। पीपल के पेड़ की पूजा:
शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और परिक्रमा करें।
जब भी शनि का गोचर होता है, तो कुछ राशियों पर इसका खास प्रभाव पड़ता है। इस बार, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का असर विशेष रूप से पांच राशियों पर देखने को मिलेगा। मेष, कुंभ और मीन राशियों पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा, जबकि सिंह और धनु राशियों पर शनि की ढैय्या का असर होगा।
इन राशियों के जातकों को वर्ष 2025 में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं कि शनि का इन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
मेष राशि
- स्थिति: साढ़ेसाती का पहला चरण
- संभावित प्रभाव: मानसिक तनाव, आर्थिक समस्याएं, स्वास्थ्य में गिरावट, मान-सम्मान में कमी
- सावधानी: प्रॉपर्टी विवादों से बचें, खानपान का ध्यान रखें, धैर्य बनाए रखें
सिंह राशि
- स्थिति: शनि की ढैय्या शुरू
- संभावित प्रभाव: स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, धन की हानि, सम्मान में कमी, घरेलू कलह
- सावधानी: किसी की संपत्ति अपने पास न रखें, शेयर बाजार में जोखिम न लें, सोच-समझकर निर्णय लें
धनु राशि
- स्थिति: शनि की ढैय्या
- संभावित प्रभाव: करियर में रुकावटें, मेहनत का फल न मिलना, आर्थिक अस्थिरता
- सावधानी: मन को संयमित रखें, नकारात्मकता से दूर रहें, खर्चों पर नियंत्रण रखें
कुंभ राशि
- स्थिति: साढ़ेसाती का तीसरा चरण
- संभावित प्रभाव: व्यापार में नुकसान, आर्थिक तंगी, कार्यस्थल पर समस्याएं, मान-सम्मान में गिरावट
- सावधानी: सभी निर्णय सोच-समझकर लें, नई शुरुआत में सतर्क रहें, स्वास्थ्य का ध्यान रखें
मीन राशि
- स्थिति: साढ़ेसाती का दूसरा चरण
- संभावित प्रभाव: स्वास्थ्य में गिरावट, आर्थिक स्थिति कमजोर, करियर में अस्थिरता
- सावधानी: धन संचय पर ध्यान दें, कार्यस्थल की राजनीति से बचें, लापरवाही न करें
शनि के प्रभाव को कम करने के उपाय
इन राशियों के जातकों को शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:
एक कटोरे में सरसों का तेल लें, उसमें अपना चेहरा देखें और फिर उसे किसी मंदिर में दान करें।
शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें।
शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और परिक्रमा करें।
इन उपायों से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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