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एक दशक में बदली भारतीय रेलवे की तस्वीर, विकास के नए शिखर पर भारतीय रेल : क्रिसिल

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नई दिल्ली, 25 सितंबर (हि.स.)। भारतीय रेलवे में पिछले एक दशक के दौरान इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, टेक्नोलॉजी अपडेट, मॉडर्नाइजेशन और ऑपरेशनल अपग्रेड जैसे कई बदलाव आए हैं, जिनकी वजह से रेलवे विकास के नए शिखर पर पहुंच गया है। क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 से लेकर अभी तक की अवधि में रेलवे के बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए 17.4 लाख करोड़ का निवेश हो चुका है। रेलवे के आधुनिकीकरण से देश की इकोनॉमी को भी काफी फायदा हुआ है। इस दौरान रेलवे कैपेक्स में सालाना 12 प्रतिशत की दर से ग्रोथ हुआ है।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले एक दशक के दौरान सरकार का फोकस ट्रैक, ट्रेन और स्टेशन के विकास पर रहा है। ट्रैक और ट्रेन के विकास में इलेक्ट्रिफिकेशन, टैक सिक्योरिटी, हाई स्पीड और मुसाफिरों को अधिक से अधिक सुविधा दिलाने पर सरकार काम कर रही है इस दौरान हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट, ट्रैक इलेक्ट्रिफिकेशन और एंटी कोलाइजन डिवाइस कवच जैसे प्रोजेक्ट पर सरकार प्राथमिकता की आधार पर निवेश कर रही है। रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की वजह से रेलवे की आय में भी इजाफा हुआ है।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार सबसे अधिक ध्यान रेलवे के ट्रैक अपग्रेडेशन पर दे रही है। देश में कई हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के निर्माण का काम चल रहा है, जिसके लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है। देश में 3,300 किलोमीटर के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कार्य भी अब अंतिम चरण में है। इस डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से भी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। इलेक्ट्रिफिकेशन के मोर्चे पर देखा जाए तो मार्च 2024 तक देश में 94 प्रतिशत से ज्यादा ब्रॉड गेज नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है। इसके साथ ही ट्रैक के आमान (गेज) परिवर्तन का काम भी पूरी रफ्तार चल रहा है। साल 2015-16 से लेकर अभी तक देश में 5,269 किलोमीटर ट्रैक को ब्रॉड गेज नेटवर्क में बदला गया है। इसी तरह 2015-16 से लेकर 2023-24 तक 15,861 किलोमीटर ट्रैक का दोहरीकरण किया गया है। सुरक्षा की दिशा में काम करते हुए अभी तक 1,465 किलोमीटर के रेलवे रूट को एंटी कोलाइजन डिवाइस कवच से सुरक्षित किया जा चुका है।

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