नवी मुंबई: 2 नवंबर को डॉ. डी.वाई. पाटिल स्टेडियम में साउथ अफ्रीका को फाइनल में 52 रनों से हराकर हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अपना पहला महिला वर्ल्ड कप खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। यह जीत न केवल टीम की थी, बल्कि उन सभी दिग्गजों को समर्पित थी जिन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट को इस मुकाम तक पहुंचाया है।
जीत का पल, दिग्गजों के नाम
ट्रॉफी उठाने के बाद, भारतीय टीम ने एक बेहद भावुक और बड़ा कदम उठाया। कप्तान हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम ने अपनी पहली वर्ल्ड कप ट्रॉफी तुरंत पूर्व कप्तानों मिताली राज, तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी और पूर्व खिलाड़ी अंजुम चोपड़ा को सौंप दी। यह दृश्य उन खिलाड़ियों के प्रति टीम का गहरा सम्मान दिखाता है जो 2005 और 2017 के फाइनल में हार का दर्द झेल चुकी थीं।
हरमनप्रीत ने कही ये बात
हरमनप्रीत कौर ने ICC रिव्यू पर इस कदम की वजह बताई। उन्होंने कहा कि 2022 वर्ल्ड कप के बाद जब झूलन और मिताली का आखिरी टूर्नामेंट था, तो वे जीत न दिला पाने से बहुत दुखी थे। हरमनप्रीत ने कहा, 'हमने तय किया था कि भविष्य में जब भी हम यह जीत हासिल करेंगे, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे स्टेडियम में मौजूद हों। हम उस पल को उनके साथ कैद करना चाहते थे।'
हरमनप्रीत ने इस जीत को बहुत खास बताया। वह कपिल देव (1983) और एमएस धोनी (2011) के बाद भारत के लिए वनडे विश्व कप जीतने वाली तीसरी कप्तान बन गईं। उन्होंने कहा कि डायना एडुलजी, शुभांगी कुलकर्णी और सुधा शाह जैसी दिग्गज भी लगातार मैसेज कर रही थीं। कप्तान ने कहा, 'हर कोई वहां था। उनके साथ इस पल को साझा करना हमारे लिए बहुत खास था और जब भी हम सपने देख रहे थे और सोच रहे थे, वे वास्तव में हमारे साथ थे। हमने उनके बिना इस पल के बारे में सोचा भी नहीं था।'
जीत का पल, दिग्गजों के नाम
ट्रॉफी उठाने के बाद, भारतीय टीम ने एक बेहद भावुक और बड़ा कदम उठाया। कप्तान हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम ने अपनी पहली वर्ल्ड कप ट्रॉफी तुरंत पूर्व कप्तानों मिताली राज, तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी और पूर्व खिलाड़ी अंजुम चोपड़ा को सौंप दी। यह दृश्य उन खिलाड़ियों के प्रति टीम का गहरा सम्मान दिखाता है जो 2005 और 2017 के फाइनल में हार का दर्द झेल चुकी थीं।
हरमनप्रीत ने कही ये बात
हरमनप्रीत कौर ने ICC रिव्यू पर इस कदम की वजह बताई। उन्होंने कहा कि 2022 वर्ल्ड कप के बाद जब झूलन और मिताली का आखिरी टूर्नामेंट था, तो वे जीत न दिला पाने से बहुत दुखी थे। हरमनप्रीत ने कहा, 'हमने तय किया था कि भविष्य में जब भी हम यह जीत हासिल करेंगे, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे स्टेडियम में मौजूद हों। हम उस पल को उनके साथ कैद करना चाहते थे।'
हरमनप्रीत ने इस जीत को बहुत खास बताया। वह कपिल देव (1983) और एमएस धोनी (2011) के बाद भारत के लिए वनडे विश्व कप जीतने वाली तीसरी कप्तान बन गईं। उन्होंने कहा कि डायना एडुलजी, शुभांगी कुलकर्णी और सुधा शाह जैसी दिग्गज भी लगातार मैसेज कर रही थीं। कप्तान ने कहा, 'हर कोई वहां था। उनके साथ इस पल को साझा करना हमारे लिए बहुत खास था और जब भी हम सपने देख रहे थे और सोच रहे थे, वे वास्तव में हमारे साथ थे। हमने उनके बिना इस पल के बारे में सोचा भी नहीं था।'
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