एथेंस: तुर्की और ग्रीस के बीच आसमान में ताकत बढ़ाने की रेस अब काफी तेज हो गई है। जैसे ही तुर्की ने यूरोपीय यूरोफाइटर जेट खरीदने की तैयारी शुरू की है, ठीक वैसे ही भारत के दोस्त ग्रीस ने भी फ्रांस से सुपर राफेल खरीदने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीस, फ्रांस से राफेल F-4 खरीदने पर विचार कर रहा है, जिसका मकसद तुर्की को एक सेकंड के लिए भी आसमान में बढ़त नहीं लेने देना है। ग्रीस के एकाथिमेरिनी की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीस, F4 कॉन्फिगरेशन में अपग्रेड किए गए अतिरिक्त राफेल में गहरी दिलचस्पी दिखा रहा है। ग्रीस की कोशिश साल 2030 तक तुर्की के खिलाफ आसमान में जबरदस्त बढ़त हासिल करने की है।
ग्रीस यह कदम ऐसे समय में उठा रहा है, जब उसका दुश्मन पड़ोसी तुर्की, यूरोफाइटर टाइफून सौदे के करीब पहुंच रहा है। तुर्की की कोशिश लंबी दूरी की Meteor मिसाइलों के साथ यूरोफाइटर को खरीदने की है। ये वही मिसाइल है, जिसे ग्रीस पहले ही अपने राफेल जेट्स में शामिल कर चुका है। दोनों देशों के बीच तनाव का केंद्र एजियन सागर है, जहां दोनों देशों के बीच वायुसीमा, जलसंपदा और सुरक्षा को लेकर दशकों से भारी तनाव बना हुआ है। ग्रीस में भारत से भी लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों की खरीद की चर्चा की जा रही है।
फ्रांस से राफेल F4 खरीदने की तैयारी कर रहा ग्रीस
राफेल लड़ाकू विमान का F4 वैरिएंट ग्रीस के लिए सिर्फ एक अपग्रेड नहीं, बल्कि भविष्य की लड़ाई का खाका है। इस वैरिएंट में लिंक 16 डेटा लिंक और एक स्वदेशी सुरक्षित कम्युनिकेशन नेटवर्क शामिल है जो इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में ग्रीस को जबरदस्त बढ़त दे सकता है। इसका मतलब है कि राफेल F4 न सिर्फ दूसरे विमानों के साथ रियल-टाइम डेटा शेयर कर सकता है, बल्कि दुश्मन के जैमिंग की कोशिशों को भी नाकाम कर सकता है।
राफेल एफ4 में एडवांस AESA रडार और IRST सिस्टम लगाया गया है, जिससे ये फाइटर जेट महाबलशाली बन गया है। AESA रडार अब चलते हुए जमीनी लक्ष्यों को भी लंबी दूरी से ट्रैक कर सकता है, जबकि IRST लो-ऑब्जर्वेबिलिटी यानी स्टेल्थ लक्ष्यों को बिना रेडार उत्सर्जन के पकड़ सकता है। इस अपग्रेड में स्कॉर्पिन हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले (HMD) और SPECTRA सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट भी जोड़े गए हैं, जिससे विमान की लड़ाकू क्षमता काफी ज्यादा बढ़ गई है।
ग्रीस यह कदम ऐसे समय में उठा रहा है, जब उसका दुश्मन पड़ोसी तुर्की, यूरोफाइटर टाइफून सौदे के करीब पहुंच रहा है। तुर्की की कोशिश लंबी दूरी की Meteor मिसाइलों के साथ यूरोफाइटर को खरीदने की है। ये वही मिसाइल है, जिसे ग्रीस पहले ही अपने राफेल जेट्स में शामिल कर चुका है। दोनों देशों के बीच तनाव का केंद्र एजियन सागर है, जहां दोनों देशों के बीच वायुसीमा, जलसंपदा और सुरक्षा को लेकर दशकों से भारी तनाव बना हुआ है। ग्रीस में भारत से भी लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों की खरीद की चर्चा की जा रही है।
फ्रांस से राफेल F4 खरीदने की तैयारी कर रहा ग्रीस
राफेल लड़ाकू विमान का F4 वैरिएंट ग्रीस के लिए सिर्फ एक अपग्रेड नहीं, बल्कि भविष्य की लड़ाई का खाका है। इस वैरिएंट में लिंक 16 डेटा लिंक और एक स्वदेशी सुरक्षित कम्युनिकेशन नेटवर्क शामिल है जो इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में ग्रीस को जबरदस्त बढ़त दे सकता है। इसका मतलब है कि राफेल F4 न सिर्फ दूसरे विमानों के साथ रियल-टाइम डेटा शेयर कर सकता है, बल्कि दुश्मन के जैमिंग की कोशिशों को भी नाकाम कर सकता है।
राफेल एफ4 में एडवांस AESA रडार और IRST सिस्टम लगाया गया है, जिससे ये फाइटर जेट महाबलशाली बन गया है। AESA रडार अब चलते हुए जमीनी लक्ष्यों को भी लंबी दूरी से ट्रैक कर सकता है, जबकि IRST लो-ऑब्जर्वेबिलिटी यानी स्टेल्थ लक्ष्यों को बिना रेडार उत्सर्जन के पकड़ सकता है। इस अपग्रेड में स्कॉर्पिन हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले (HMD) और SPECTRA सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट भी जोड़े गए हैं, जिससे विमान की लड़ाकू क्षमता काफी ज्यादा बढ़ गई है।
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