पटना: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सांसद संजय झा ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए महागठबंधन द्वारा जारी घोषणापत्र की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के शासनकाल में बिहार से लोगों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा था। उन्होंने मंगलवार को दरभंगा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही।
महागठबंधन में मुख्य रूप से आरजेडी और कांग्रेस शामिल हैं। विपक्षी दलों के इस गठबंधन ने मंगलवार को 'बिहार का तेजस्वी प्रण' नाम से अपना घोषणापत्र जारी किया। इस घोषणापत्र में कई वादे किए गए हैं, जिनमें सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा शामिल है। इसके अलावा, 'माई-बहिन सम्मान योजना' के तहत महिलाओं को एक दिसंबर से अगले पांच वर्षों तक हर महीने 2,500 रुपये की आर्थिक सहायता देने का भी वादा किया गया है।
आरजेडी के दौर में हिंसा, लूटपाट हुईसंजय झा ने आरजेडी के पिछले शासनकाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उस दौरान बड़े पैमाने पर कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई थी। उन्होंने कहा, "उनके (आरजेडी) शासनकाल में दंगे, जातीय हिंसा, लूटपाट और अपहरण बड़े पैमाने पर हुए। लोगों को बिहार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।"
दूसरी ओर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने महागठबंधन के घोषणापत्र को 'ऐतिहासिक' बताया। उन्होंने कहा कि यह घोषणापत्र 'सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श' और समाज के विभिन्न वर्गों के साथ बातचीत के बाद तैयार किया गया है। खेड़ा ने कहा, "यह घोषणापत्र ऐतिहासिक है। इसे सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। हमारे नेताओं, मल्लिकार्जुन खरगे, लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी ने हमें केवल वही घोषित करने का निर्देश दिया था जो हम हासिल कर सकते हैं। हमने समाज के विभिन्न वर्गों के साथ चर्चा की, और फिर घोषणापत्र तैयार किया गया।" उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता ने सरकार बदलने का मन बना लिया है ताकि बिहार को बचाया जा सके।
तेजस्वी यादव महागठबंधन के सीएम का चेहरा
पवन खेड़ा ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर सवाल उठाने वाली एनडीए पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, "तेजस्वी यादव हमारे गठबंधन के सीएम का चेहरा हैं। हमने घोषणा की है कि चुनाव जीतने के बाद वही सीएम बनेंगे। जो लोग सवाल उठा रहे हैं, उनमें एनडीए के लिए नीतीश कुमार को सीएम चेहरा घोषित करने का साहस नहीं है।"
वहीं, बीजेपी ने महागठबंधन के घोषणापत्र को 'झूठ का पुलिंदा' करार दिया है। बीजेपी नेता ऋतुराज सिन्हा ने 'माई-बहिन सम्मान योजना' पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह घोषणापत्र केवल वादों का पिटारा है। उन्होंने तेजस्वी यादव की शैक्षणिक योग्यता पर भी सवाल उठाए।
बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे। वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी। यह चुनाव बिहार के भविष्य की दिशा तय करेंगे। महागठबंधन के वादे जनता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि सत्ता पक्ष उन्हें झूठा बता रहा है।
महागठबंधन में मुख्य रूप से आरजेडी और कांग्रेस शामिल हैं। विपक्षी दलों के इस गठबंधन ने मंगलवार को 'बिहार का तेजस्वी प्रण' नाम से अपना घोषणापत्र जारी किया। इस घोषणापत्र में कई वादे किए गए हैं, जिनमें सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा शामिल है। इसके अलावा, 'माई-बहिन सम्मान योजना' के तहत महिलाओं को एक दिसंबर से अगले पांच वर्षों तक हर महीने 2,500 रुपये की आर्थिक सहायता देने का भी वादा किया गया है।
आरजेडी के दौर में हिंसा, लूटपाट हुईसंजय झा ने आरजेडी के पिछले शासनकाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उस दौरान बड़े पैमाने पर कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई थी। उन्होंने कहा, "उनके (आरजेडी) शासनकाल में दंगे, जातीय हिंसा, लूटपाट और अपहरण बड़े पैमाने पर हुए। लोगों को बिहार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।"
दूसरी ओर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने महागठबंधन के घोषणापत्र को 'ऐतिहासिक' बताया। उन्होंने कहा कि यह घोषणापत्र 'सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श' और समाज के विभिन्न वर्गों के साथ बातचीत के बाद तैयार किया गया है। खेड़ा ने कहा, "यह घोषणापत्र ऐतिहासिक है। इसे सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। हमारे नेताओं, मल्लिकार्जुन खरगे, लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी ने हमें केवल वही घोषित करने का निर्देश दिया था जो हम हासिल कर सकते हैं। हमने समाज के विभिन्न वर्गों के साथ चर्चा की, और फिर घोषणापत्र तैयार किया गया।" उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता ने सरकार बदलने का मन बना लिया है ताकि बिहार को बचाया जा सके।
तेजस्वी यादव महागठबंधन के सीएम का चेहरा
पवन खेड़ा ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर सवाल उठाने वाली एनडीए पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, "तेजस्वी यादव हमारे गठबंधन के सीएम का चेहरा हैं। हमने घोषणा की है कि चुनाव जीतने के बाद वही सीएम बनेंगे। जो लोग सवाल उठा रहे हैं, उनमें एनडीए के लिए नीतीश कुमार को सीएम चेहरा घोषित करने का साहस नहीं है।"
वहीं, बीजेपी ने महागठबंधन के घोषणापत्र को 'झूठ का पुलिंदा' करार दिया है। बीजेपी नेता ऋतुराज सिन्हा ने 'माई-बहिन सम्मान योजना' पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह घोषणापत्र केवल वादों का पिटारा है। उन्होंने तेजस्वी यादव की शैक्षणिक योग्यता पर भी सवाल उठाए।
बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे। वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी। यह चुनाव बिहार के भविष्य की दिशा तय करेंगे। महागठबंधन के वादे जनता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि सत्ता पक्ष उन्हें झूठा बता रहा है।
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