US AI Jobs For Indians: दुनियाभर में इस वक्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चर्चा का विषय बना हुआ है। अमेरिका की सिलिकन वैली में तो AI से जुड़े इंजीनियर्स की इतनी ज्यादा डिमांड है कि उन्हें मुंह-मांगी सैलरी दी जा रही है। इस बीच AI फील्ड से जुड़ी सिलिकन वैली की एक कंपनी अपने कर्मचारियों को मोटी सैलरी देने की वजह से चर्चा में आ गई है। यहां बेस सैलरी के तौर पर 5 लाख डॉलर (लगभग 4.29 करोड़ रुपये) सालाना तक की सैलरी दी जा रही है। इन कर्मचारियों को H-1B वीजा भी मिला है।
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यहां जिस कंपनी की बात हो रही है, वह Thinking Machines Lab (थिंकिंग मशीन लैब) है। इसकी फाउंडर मीरा मूर्ती हैं, जो ओपनएआई की पूर्व चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर भी रह चुकी हैं। यहां गौर करने वाली बात ये है कि कंपनी ने अभी तक कोई प्रोडक्ट भी लॉन्च नहीं किया है। लेकिन मोटी सैलरी पर विदेशी वर्कर्स को हायर करने की वजह से कंपनी चर्चा में बनी हुई है। थिंकिंग मशीन लैब भारत समेत दुनिया के कोने-कोने से टॉप मशीन लर्निंग एक्सपर्ट्स को हायर करना चाहता है।
किस तरह सामने आई सैलरी डिटेल्स?
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस फेडरल फाइलिंग के दौरान पता चला कि थिंकिंग मशीन लैब ने अपने यहां चार ऐसे टेक्निकल स्टाफ को हायर किया है, जिन्हें बेस सैलरी के तौर पर सालाना 4.50 लाख से 5 लाख डॉलर (लगभग 3.86 करोड़ से 4.29 करोड़ रुपये) दिया जा रहा है। इनमें से एक वर्कर खुद को 'को-फाउंडर/मशीन लर्निंग स्पेशलिस्ट' बताता है, जिसे 4.50 लाख डॉलर सैलरी मिल रही है, जबकि दूसरे को 5 लाख डॉलर दिए जा रहे हैं।
किस तरह हो रही हायरिंग?
H-1B वीजा फाइलिंग के दौरान यूएस डिपार्टमेंट ऑफ लेबर को बताना पड़ता है कि वे कितनी सैलरी दे रही हैं। इसका मतलब है कि कंपनी में जितने भी लोगों की हायरिंग हो रही है, सभी विदेशी नागरिक हैं, जिन्हें H-1B वीजा दिया गया है। अगर आप भी इस कंपनी में जॉब करना चाहते हैं, तो फिर आप कंपनी की वेबसाइट पर जाकर जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं। लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म के साथ सीधे फाउंडर से कनेक्ट करके भी जॉब के लिए अप्लाई किया जा सकता है।
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यहां जिस कंपनी की बात हो रही है, वह Thinking Machines Lab (थिंकिंग मशीन लैब) है। इसकी फाउंडर मीरा मूर्ती हैं, जो ओपनएआई की पूर्व चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर भी रह चुकी हैं। यहां गौर करने वाली बात ये है कि कंपनी ने अभी तक कोई प्रोडक्ट भी लॉन्च नहीं किया है। लेकिन मोटी सैलरी पर विदेशी वर्कर्स को हायर करने की वजह से कंपनी चर्चा में बनी हुई है। थिंकिंग मशीन लैब भारत समेत दुनिया के कोने-कोने से टॉप मशीन लर्निंग एक्सपर्ट्स को हायर करना चाहता है।
किस तरह सामने आई सैलरी डिटेल्स?
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस फेडरल फाइलिंग के दौरान पता चला कि थिंकिंग मशीन लैब ने अपने यहां चार ऐसे टेक्निकल स्टाफ को हायर किया है, जिन्हें बेस सैलरी के तौर पर सालाना 4.50 लाख से 5 लाख डॉलर (लगभग 3.86 करोड़ से 4.29 करोड़ रुपये) दिया जा रहा है। इनमें से एक वर्कर खुद को 'को-फाउंडर/मशीन लर्निंग स्पेशलिस्ट' बताता है, जिसे 4.50 लाख डॉलर सैलरी मिल रही है, जबकि दूसरे को 5 लाख डॉलर दिए जा रहे हैं।
किस तरह हो रही हायरिंग?
H-1B वीजा फाइलिंग के दौरान यूएस डिपार्टमेंट ऑफ लेबर को बताना पड़ता है कि वे कितनी सैलरी दे रही हैं। इसका मतलब है कि कंपनी में जितने भी लोगों की हायरिंग हो रही है, सभी विदेशी नागरिक हैं, जिन्हें H-1B वीजा दिया गया है। अगर आप भी इस कंपनी में जॉब करना चाहते हैं, तो फिर आप कंपनी की वेबसाइट पर जाकर जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं। लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म के साथ सीधे फाउंडर से कनेक्ट करके भी जॉब के लिए अप्लाई किया जा सकता है।
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