पुणे: पुणे-नासिक सेमी-हाई स्पीड रेल परियोजना में देरी हो रही है। वहीं पुणे-नासिक औद्योगिक एक्सप्रेसवे के लिए गति के संकेत मिल रहे हैं। पुणे, अहिल्यानगर और नासिक के तीन जिलों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे का प्रस्ताव जल्द ही सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इससे पुणे और नासिक के बीच पांच घंटे की यात्रा तीन घंटे में सिमट जाएगी।
सरकार ने पिछले साल दी थी मंजूरी
सरकार ने पिछले साल फरवरी में इस हाईवे के अंतिम डिजाइन को मंजूरी दी थी। यह हाईवे सूरत-चेन्नई हाईवे से जुड़ा होगा। इसलिए, इससे दूसरे राज्यों के वाहन चालकों को फायदा होगा। इस हाईवे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के साथ-साथ व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट (फीजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट) तैयार हो गई है और यह प्रस्ताव अगले कुछ दिनों में महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) की ओर से अंतिम मंजूरी के लिए सरकार को सौंपा जाएगा।
तीन साल में पूरा हो सकता है काम
चूंकि पुणे-नासिक औद्योगिक एक्सप्रेसवे की लंबाई 133 किलोमीटर है, इसलिए इस हाईवे का काम तीन साल में पूरा हो सकता है। इसके लिए 1545 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना होगा। यह एक्सप्रेसवे पुणे जिले के खेड़, शिरुर, अम्बेगांव और जुन्नार तालुका और अहिल्यानगर जिले के संगमनेर तालुका से होकर प्रस्तावित किया गया है। अहिल्यानगर और नासिक महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण शहर हैं। इन शहरों में आर्थिक कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। पुणे-नासिक सेमी-हाई स्पीड रेलवे रूट में वर्तमान में कई बाधाएं हैं और यह प्रस्ताव अंतिम मंजूरी के लिए लंबित है। हालांकि अगर औद्योगिक राजमार्ग को बढ़ावा दिया जाता है तो पुणे और नासिक के बीच की दूरी पांच घंटे से घटकर तीन घंटे रह जाने की संभावना है।
औद्योगिक एक्सप्रेसवे कैसा होगा?
पुणे-नासिक औद्योगिक एक्सप्रेसवे पर 12 बड़े फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। ये पुल नदियों और नालों के ऊपर होंगे। पुणे जिले के चिम्बली, चाकन, पाबल में नौ स्थानों पर और अहिल्यानगर और नासिक में राजुरी, खंडारमल, सकुर, माची, कसारे में इंटरचेंज होंगे। इस इंटरचेंज का उपयोग एक्सप्रेसवे में प्रवेश करते या बाहर निकलते समय किया जाएगा। सड़क विकास निगम के अधिकारियों ने कहा कि शिरडी मार्ग को भी एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा।
रेलवे से औद्योगिक एक्सप्रेसवे की योजना?
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पिछले साल जून में इस एक्सप्रेसवे के संबंध में एक बैठक की थी। उन्होंने यह सत्यापित करने का आदेश दिया है कि प्रस्तावित पुणे-नासिक हाई स्पीड रेलवे परियोजना के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि से पुणे-नासिक औद्योगिक एक्सप्रेसवे की योजना बनाई जा सकती है या नहीं। तदनुसार, प्रक्रिया वर्तमान में प्रगति पर है और इस संबंध में अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है।
एक्सप्रेसवे की लागत कितनी?
अशोक भालकर, मुख्य अभियंता, सड़क विकास प्राधिकरण ने कहा कि सरकार ने पहले ही पुणे-नासिक औद्योगिक एक्सप्रेसवे के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके अनुसार, 133 किलोमीटर लंबे इस नए एक्सप्रेसवे की लागत 28,429 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है और मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद एक्सप्रेसवे का आगे का काम शुरू होगा।
अहम प्वाइंट
133.889 ----किलोमीटर एक्सप्रेसवे की लंबाई
57.55 ----किलोमीटर संपर्क सड़कें
100 ----मीटर राजमार्ग की चौड़ाई
28,429 ----क्रोटी परियोजना की अपेक्षित लागत
सरकार ने पिछले साल दी थी मंजूरी
सरकार ने पिछले साल फरवरी में इस हाईवे के अंतिम डिजाइन को मंजूरी दी थी। यह हाईवे सूरत-चेन्नई हाईवे से जुड़ा होगा। इसलिए, इससे दूसरे राज्यों के वाहन चालकों को फायदा होगा। इस हाईवे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के साथ-साथ व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट (फीजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट) तैयार हो गई है और यह प्रस्ताव अगले कुछ दिनों में महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) की ओर से अंतिम मंजूरी के लिए सरकार को सौंपा जाएगा।
तीन साल में पूरा हो सकता है काम
चूंकि पुणे-नासिक औद्योगिक एक्सप्रेसवे की लंबाई 133 किलोमीटर है, इसलिए इस हाईवे का काम तीन साल में पूरा हो सकता है। इसके लिए 1545 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना होगा। यह एक्सप्रेसवे पुणे जिले के खेड़, शिरुर, अम्बेगांव और जुन्नार तालुका और अहिल्यानगर जिले के संगमनेर तालुका से होकर प्रस्तावित किया गया है। अहिल्यानगर और नासिक महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण शहर हैं। इन शहरों में आर्थिक कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। पुणे-नासिक सेमी-हाई स्पीड रेलवे रूट में वर्तमान में कई बाधाएं हैं और यह प्रस्ताव अंतिम मंजूरी के लिए लंबित है। हालांकि अगर औद्योगिक राजमार्ग को बढ़ावा दिया जाता है तो पुणे और नासिक के बीच की दूरी पांच घंटे से घटकर तीन घंटे रह जाने की संभावना है।
औद्योगिक एक्सप्रेसवे कैसा होगा?
पुणे-नासिक औद्योगिक एक्सप्रेसवे पर 12 बड़े फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। ये पुल नदियों और नालों के ऊपर होंगे। पुणे जिले के चिम्बली, चाकन, पाबल में नौ स्थानों पर और अहिल्यानगर और नासिक में राजुरी, खंडारमल, सकुर, माची, कसारे में इंटरचेंज होंगे। इस इंटरचेंज का उपयोग एक्सप्रेसवे में प्रवेश करते या बाहर निकलते समय किया जाएगा। सड़क विकास निगम के अधिकारियों ने कहा कि शिरडी मार्ग को भी एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा।
रेलवे से औद्योगिक एक्सप्रेसवे की योजना?
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पिछले साल जून में इस एक्सप्रेसवे के संबंध में एक बैठक की थी। उन्होंने यह सत्यापित करने का आदेश दिया है कि प्रस्तावित पुणे-नासिक हाई स्पीड रेलवे परियोजना के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि से पुणे-नासिक औद्योगिक एक्सप्रेसवे की योजना बनाई जा सकती है या नहीं। तदनुसार, प्रक्रिया वर्तमान में प्रगति पर है और इस संबंध में अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है।
एक्सप्रेसवे की लागत कितनी?
अशोक भालकर, मुख्य अभियंता, सड़क विकास प्राधिकरण ने कहा कि सरकार ने पहले ही पुणे-नासिक औद्योगिक एक्सप्रेसवे के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके अनुसार, 133 किलोमीटर लंबे इस नए एक्सप्रेसवे की लागत 28,429 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है और मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद एक्सप्रेसवे का आगे का काम शुरू होगा।
अहम प्वाइंट
133.889 ----किलोमीटर एक्सप्रेसवे की लंबाई
57.55 ----किलोमीटर संपर्क सड़कें
100 ----मीटर राजमार्ग की चौड़ाई
28,429 ----क्रोटी परियोजना की अपेक्षित लागत
You may also like
Irfan Pathan ने लॉर्ड्स टेस्ट के लिए चुनी Team India की प्लेइंग XI, रफ्तार के सौदागर की जगह जसप्रीत बुमराह को किया शामिल
'पैसे नहीं हैं घर चलो....'72 साल के दुकानदार को घर ले जाकर कर दिया झकझोर देने वाला कांड, जानकर उड़ जायेंगे होश
2025 में 39% रिटर्न देने वाले इस PSU Bank Stock को अचानक क्यों बेच रहे हैं इन्वेस्टर्स? जानिए वजह
Who Is Monika Kapoor In Hindi? : कौन है मोनिका कपूर? 25 साल से थी फरार, सीबीआई अमेरिका से प्रत्यर्पण कर ला रही भारत
क्या आप अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं? जानिए इसका आपके क्रेडिट स्कोर पर क्या असर पड़ सकता है?