दोनों आईटी सेक्टर में करते थे नौकरी
श्रीकांत और चार्मी दोनों पहले आईटी सेक्टर में काम करते थे। श्रीकांत को इस क्षेत्र में 10 साल का अनुभव था। अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियां होने के बावजूद उन्हें अपने काम से संतुष्टि नहीं मिल रही थी। दोनों को लगता था कि उन्हें कुछ और करना चाहिए। कुछ ऐसा जो ज्यादा मायने रखता हो। 2014 में श्रीकांत के पिता का गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर से निधन हो गया। यह घटना उनके लिए एक बड़ा झटका थी। इस घटना ने उन्हें अपनी जीवनशैली, खासकर अपने खान-पान के बारे में फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया।
2017 में रखी कंपनी की नींव
इस घटना के बाद कपल ने अपने खान-पान पर ध्यान देना शुरू किया। उन्होंने प्राकृतिक और जैविक खाद्य पदार्थों के महत्व को समझा। प्रकृति प्रेमी होने के नाते उन्हें जैविक भोजन का शौक था। लेकिन, बाजार में शुद्ध और जैविक उत्पादों की कमी ने उन्हें निराश कर दिया। 2017 में किसानों और डेयरी उत्पादकों से बात करने के बाद श्रीकांत और चार्मी को जैविक खेती के लिए गायों के महत्व का पता चला। उन्हें एहसास हुआ कि गायें न केवल A2 दूध प्रदान करती हैं। अलबत्ता, मिट्टी की सेहत को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह जानकर कि भारत में ज्यादातर A2 मिल्क खराब क्वालिटी का है, उन्होंने खुद डेयरी फार्मिंग शुरू करने का फैसला किया। वे लोगों को शुद्ध, मिलावट रहित A2 मिल्क उपलब्ध कराना चाहते थे। इस तरह उन्होंने गौनीति ऑर्गेनिक्स की शुरुआत की।
सिर्फ 4 गायों से शुरू किया काम
शुरुआत में श्रीकांत और चार्मी के पास सिर्फ चार गायें थीं। वे अपना A2 दूध और बिलोना घी अपने दोस्तों और पड़ोसियों को देते थे। रेस्पॉन्स बहुत अच्छा रहा और जल्द ही उनके उत्पादों की चर्चा होने लगी। अनुभव और संसाधनों की कमी के बावजूद श्रीकांत और चार्मी ने हार नहीं मानी। अपने जुनून और कड़ी मेहनत से उन्होंने सभी बाधाओं को पार किया। आज 'गौनीति ऑर्गेनिक्स' उच्च गुणवत्ता वाले जैविक गाय के उत्पाद बेचती है। उसके प्रोडक्टों में ताजा A2 दूध, मक्खन, A2 मलाई पनीर, बिलोना घी और देसी घी शामिल हैं। इसके अलावा, ब्रांड ने हाल ही में A2 घी बिस्कुट, हेल्दी न्यूट्रीबार इत्यादि भी लॉन्च किए हैं। यह अहमदाबाद स्थित डेयरी ब्रांड गाय के गोबर से बनी धूप और अगरबत्ती जैसे पर्यावरण अनुकूल उत्पाद भी प्रदान करता है।
अब करोड़ों का कारोबार
छोटे से डेयरी फार्म से एक सफल जैविक ब्रांड तक का सफर चुनौतियों भरा था। गायों की देखभाल करना, खराब मौसम से निपटना और श्रमिकों का प्रबंधन करना कुछ ऐसी ही समस्याएं थीं जिनका पति-पत्नी ने सामना किया। ऐसे दिन भी थे जब वे निराश महसूस करते थे। लेकिन, काम के प्रति उनके जुनून ने उन्हें आगे बढ़ाया। इन तमाम चुनौतियों के बावजूद यह इथिकल डेयरी ब्रांड फला-फूला। पांच सालों के भीतर इसके पास 100 गायें हो गईं। ब्रांड अब अपनी आधिकारिक वेबसाइट के साथ-साथ अमेजन के माध्यम से देश भर में अपने उत्पाद बेचता है। शुरुआती वर्षों में कुछ लाख के राजस्व से लेकर वित्त वर्ष 2023-24 में 2 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई तक, इस डेयरी ब्रांड ने लंबी छलांग लगाई है।
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