कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में एक 15 साल की लड़की के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। पुलिस ने सरकारी अस्पताल के एक पूर्व कर्मचारी आरोपी अमित मलिक को धापा के मल्लिकपाड़ा स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। यह घटना तब हुई जब किशोरी अपने माता-पिता के साथ ओपीडी में डॉक्टर का इंतजार कर रही थी। आरोपी ने लड़की को बहला-फुसलाकर अस्पताल के शौचालय में ले जाकर उसके साथ छेड़छाड़ की। जो कि ट्रॉमा केयर सेंटर (टीसीसी) भवन के ग्राउंड फ्लोर स्थित शौचालय में हुई। यह ओपीडी भवन से लगभग 200 मीटर की दूरी पर है। बुधवार देर रात पुलिस ने
आरोपी ने दिया गलत बयान
आरोपी मलिक ने पुलिस को बताया कि वह एसएसकेएम अस्पताल के बारे में अच्छी तरह जानता है। क्योंकि वह पहले शंभुनाथ पंडित अस्पताल और कोलकाता पुलिस अस्पताल में काम कर चुका है। जो दोनों ही एसएसकेएम की ओर से संचालित हैं। वह अक्सर इस अस्पताल में आता-जाता रहता था। लेकिन कोलकाता पुलिस की दोनों जगहों की विस्तृत जांच से पता चला कि पिछले दो सालों में इस नाम या पहचान का कोई कर्मचारी उनके यहां नहीं था। एसएसकेएम को वार्ड बॉय और सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने वाली निजी एजेंसी ईआरएस को अब तक अपने मानव संसाधन रिकॉर्ड में मलिक के विवरण से मेल खाता कोई भी व्यक्ति नहीं मिला है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस शिकायत के अनुसार, दक्षिण 24 परगना की रहने वाली पीड़िता दोपहर करीब 1 बजे अपने माता-पिता के साथ एसएसकेएम आई थी। वह अपने माता-पिता का इंतजार कर रही थी, जो डॉक्टर के मुलाकात के फॉर्म भरने के लिए ओपीडी टिकट काउंटर पर गए थे। तभी मलिक उसके पास आया और उसे अपने साथ चलने के लिए कहा। अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि वह हरे रंग की वर्दी में था और लड़की ने शायद सोचा होगा कि वह कोई डॉक्टर या वार्ड बॉय है।
लड़की को बहकाकर ले गया टॉयलेट
मलिक लड़की को बगल की इमारत में ले गया और उसे सीटी स्कैन और एमआरआई यूनिट से जुड़े शौचालय में जबरदस्ती ले गया। वहां उसने कथित तौर पर उसकी गरिमा को भंग किया। उधर, लड़की की मां ने उसे न पाकर शोर मचाया और अस्पताल के कर्मचारियों की ओर से की गई खोजबीन के बाद वे टीसीसी इमारत तक पहुंचे, लेकिन तब तक मलिक वहां से निकल चुका था। अस्पताल के अधिकारियों ने तुरंत इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले और देखा कि मलिक नाबालिग लड़की के साथ घूम रहा था। फुटेज पुलिस को सौंप दी गई। जिसने रात में उसे उसके धापा स्थित घर से ढूंढ निकाला और उसके खिलाफ पोक्सो के तहत मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस ने दर्ज किया पीड़िता का बयान
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रूपेश कुमार ने कहा कि भवानीपुर पुलिस स्टेशन ने पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया है। आरोपी का कहना है कि वह शंभूनाथ पंडित अस्पताल का पूर्व ग्रुप डी कर्मचारी है। आगे की जांच जारी है। अस्पताल सूत्रों ने कहा कि मलिक का बयान प्रथम दृष्टया भ्रामक प्रतीत होता है। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शंभूनाथ पंडित या कोलकाता पुलिस अस्पताल में ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है कि मलिक वहाँ काम करता था।
बंगाल के अस्पताल में बढ़े महिला अपराध के मामले
यह घटना हावड़ा जिले के उलुबेरिया स्थित एक अस्पताल में एक लेडी डॉक्टर पर हुए हमले के तुरंत बाद हुई है जहां एक मरीज के परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर उस पर हमला किया और यौन हिंसा की धमकी दी। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। पिछले साल सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक का दुष्कर्म किए जाने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी और बाद में देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
आरोपी ने दिया गलत बयान
आरोपी मलिक ने पुलिस को बताया कि वह एसएसकेएम अस्पताल के बारे में अच्छी तरह जानता है। क्योंकि वह पहले शंभुनाथ पंडित अस्पताल और कोलकाता पुलिस अस्पताल में काम कर चुका है। जो दोनों ही एसएसकेएम की ओर से संचालित हैं। वह अक्सर इस अस्पताल में आता-जाता रहता था। लेकिन कोलकाता पुलिस की दोनों जगहों की विस्तृत जांच से पता चला कि पिछले दो सालों में इस नाम या पहचान का कोई कर्मचारी उनके यहां नहीं था। एसएसकेएम को वार्ड बॉय और सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने वाली निजी एजेंसी ईआरएस को अब तक अपने मानव संसाधन रिकॉर्ड में मलिक के विवरण से मेल खाता कोई भी व्यक्ति नहीं मिला है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस शिकायत के अनुसार, दक्षिण 24 परगना की रहने वाली पीड़िता दोपहर करीब 1 बजे अपने माता-पिता के साथ एसएसकेएम आई थी। वह अपने माता-पिता का इंतजार कर रही थी, जो डॉक्टर के मुलाकात के फॉर्म भरने के लिए ओपीडी टिकट काउंटर पर गए थे। तभी मलिक उसके पास आया और उसे अपने साथ चलने के लिए कहा। अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि वह हरे रंग की वर्दी में था और लड़की ने शायद सोचा होगा कि वह कोई डॉक्टर या वार्ड बॉय है।
लड़की को बहकाकर ले गया टॉयलेट
मलिक लड़की को बगल की इमारत में ले गया और उसे सीटी स्कैन और एमआरआई यूनिट से जुड़े शौचालय में जबरदस्ती ले गया। वहां उसने कथित तौर पर उसकी गरिमा को भंग किया। उधर, लड़की की मां ने उसे न पाकर शोर मचाया और अस्पताल के कर्मचारियों की ओर से की गई खोजबीन के बाद वे टीसीसी इमारत तक पहुंचे, लेकिन तब तक मलिक वहां से निकल चुका था। अस्पताल के अधिकारियों ने तुरंत इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले और देखा कि मलिक नाबालिग लड़की के साथ घूम रहा था। फुटेज पुलिस को सौंप दी गई। जिसने रात में उसे उसके धापा स्थित घर से ढूंढ निकाला और उसके खिलाफ पोक्सो के तहत मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस ने दर्ज किया पीड़िता का बयान
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रूपेश कुमार ने कहा कि भवानीपुर पुलिस स्टेशन ने पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया है। आरोपी का कहना है कि वह शंभूनाथ पंडित अस्पताल का पूर्व ग्रुप डी कर्मचारी है। आगे की जांच जारी है। अस्पताल सूत्रों ने कहा कि मलिक का बयान प्रथम दृष्टया भ्रामक प्रतीत होता है। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शंभूनाथ पंडित या कोलकाता पुलिस अस्पताल में ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है कि मलिक वहाँ काम करता था।
बंगाल के अस्पताल में बढ़े महिला अपराध के मामले
यह घटना हावड़ा जिले के उलुबेरिया स्थित एक अस्पताल में एक लेडी डॉक्टर पर हुए हमले के तुरंत बाद हुई है जहां एक मरीज के परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर उस पर हमला किया और यौन हिंसा की धमकी दी। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। पिछले साल सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक का दुष्कर्म किए जाने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी और बाद में देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
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