शहडोल: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। अब खनौधी वन परिक्षेत्र में 19 जंगली हाथियों के एक नए झुंड ने दस्तक दी है, जिससे मलमाथर गांव में दो रातों में 20 एकड़ से अधिक धान की फसल तबाह हो गई है। बेमौसम बारिश से पहले ही परेशान किसान अब हाथियों के डर से रात भर रतजगा करने मजबूर हैं।   
   
   
शहडोल दक्षिण वन मंडल के खनौधी वन परिक्षेत्र के मलमाथर गांव में हाथियों के इस नए झुंड की दस्तक से हड़कंप मच गया है। पिछले दो रातों में ही हाथियों ने 20 एकड़ से अधिक खेतों में लगी धान की पकी फसल को तहस-नहस कर दिया है। यह 19 हाथियों का दल गांव की बस्ती से महज 200 मीटर की दूरी तक आ पहुंचा है, जिससे ग्रामीणों में गहरा डर फैल गया है।
   
     
किसान किशन राधिका प्रसाद शर्मा ने बताया कि पहले बेमौसम बारिश ने धान को नुकसान पहुंचाया और अब हाथियों ने उनकी 6 एकड़ फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। दहशत के चलते ग्रामीण रात भर मशालें जलाकर रतजगा कर रहे हैं, ताकि हाथियों को गांव में घुसने से रोका जा सके। किसानों का दर्द है कि बेमौसम बारिश से पहले ही नुकसान झेल चुके किसान अब पूरी तरह से आर्थिक संकट में फंस गए हैं। ग्रामीण प्रशासन और वन विभाग से तत्काल सुरक्षा और राहत की मांग कर रहे हैं।
   
हाथियों की मूवमेंट और वन विभाग पर लापरवाही के आरोप
यह वही हाथियों का झुंड है जो कुछ दिन पहले जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र में मौजूद था और अब खनौधी परिक्षेत्र की ओर बढ़ गया है। इससे आसपास के गांवों में भी भय का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। न तो खेतों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था है और न ही हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने की कोई प्रभावी योजना दिख रही है।
      
   
वन विभाग हाथियों की बस निगरानी कर रहा
वन विभाग के एसडीओ संतोष शुक्ला ने कहा है कि टीमें हाथियों पर निगरानी बनाए हुए हैं और ये जंगली हाथी हैं, जो वापस जंगल में चले जाएँगे। उन्होंने राजस्व विभाग के साथ मिलकर फसल नुकसान का सर्वे करने और किसानों को जल्द मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
  
शहडोल दक्षिण वन मंडल के खनौधी वन परिक्षेत्र के मलमाथर गांव में हाथियों के इस नए झुंड की दस्तक से हड़कंप मच गया है। पिछले दो रातों में ही हाथियों ने 20 एकड़ से अधिक खेतों में लगी धान की पकी फसल को तहस-नहस कर दिया है। यह 19 हाथियों का दल गांव की बस्ती से महज 200 मीटर की दूरी तक आ पहुंचा है, जिससे ग्रामीणों में गहरा डर फैल गया है।
किसान किशन राधिका प्रसाद शर्मा ने बताया कि पहले बेमौसम बारिश ने धान को नुकसान पहुंचाया और अब हाथियों ने उनकी 6 एकड़ फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। दहशत के चलते ग्रामीण रात भर मशालें जलाकर रतजगा कर रहे हैं, ताकि हाथियों को गांव में घुसने से रोका जा सके। किसानों का दर्द है कि बेमौसम बारिश से पहले ही नुकसान झेल चुके किसान अब पूरी तरह से आर्थिक संकट में फंस गए हैं। ग्रामीण प्रशासन और वन विभाग से तत्काल सुरक्षा और राहत की मांग कर रहे हैं।
हाथियों की मूवमेंट और वन विभाग पर लापरवाही के आरोप
यह वही हाथियों का झुंड है जो कुछ दिन पहले जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र में मौजूद था और अब खनौधी परिक्षेत्र की ओर बढ़ गया है। इससे आसपास के गांवों में भी भय का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। न तो खेतों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था है और न ही हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने की कोई प्रभावी योजना दिख रही है।
वन विभाग हाथियों की बस निगरानी कर रहा
वन विभाग के एसडीओ संतोष शुक्ला ने कहा है कि टीमें हाथियों पर निगरानी बनाए हुए हैं और ये जंगली हाथी हैं, जो वापस जंगल में चले जाएँगे। उन्होंने राजस्व विभाग के साथ मिलकर फसल नुकसान का सर्वे करने और किसानों को जल्द मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
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