नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर के भड़काऊ बयान पर आपत्ति जाहिर की है। जनरल असीम मुनीर ने कश्मीर को पाकिस्तान के ‘गले की नस’ बताया और उन्होंने विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से देश की कहानी अपने बच्चों को बताने का भी आग्रह किया। मुनीर ने इस बात पर जोर दिया कि उनके पूर्वज मानते थे कि हिंदू और मुसलमान जीवन के हर पहलू में भिन्न हैं।जनरल मुनीर का भाषण भारत की खुफिया एजेंसी को ठीक नहीं लगा। भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि जनरल मुनीर यह सब इसलिए कर रहे हैं ताकि लोगों में पाकिस्तान आर्मी की इज्जत फिर से बढ़ जाए। आजकल बलूचिस्तान में संघर्ष चल रहा है और कराची में भी कई लोग मारे गए हैं। इससे पाकिस्तान आर्मी की इमेज खराब हो रही है। अफगानिस्तान को इस्तेमाल करना चाहता है पाकिस्तानतहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और इस्लामिक स्टेट के साथ लड़ाई ने भी हालात बिगाड़ दिए हैं। TTP चाहता है कि अफगानिस्तान पर पाकिस्तान का कंट्रोल न रहे। पाकिस्तान चाहता था कि अफगानिस्तान उसके लिए 'strategic depth' का काम करे। इसका मतलब है कि अगर भारत के साथ लड़ाई होती है तो अफगानिस्तान पाकिस्तान के लिए एक सुरक्षित जगह हो। भारतीय मुस्लिमों को भड़काने की कोशिश!खुफिया सूत्रों को शक है कि यह सब वक्फ एक्ट में बदलाव के साथ हो रहा है। उनका मानना है कि पाकिस्तान, भारत के मुसलमानों को भड़काना चाहता है। साथ ही, वह पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठनों को फिर से इकट्ठा करके अशांति फैलाना चाहता है। पाकिस्तान के दूतावास दूसरे देशों में रहने वाले पाकिस्तानियों को भारत के खिलाफ अभियान चलाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।एक बड़े खुफिया अधिकारी ने कहा, 'ऐसे बयान ध्यान भटकाने वाले हैं। पहले भी ऐसा किया गया है, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ। उनकी अंदरूनी सुरक्षा व्यवस्था खराब है, इसलिए उन्हें ऐसी बातें करने की जरूरत है।' टू-नेशन थ्योरी मुहम्मद अली जिन्ना ने दी थीजनरल मुनीर के भाषण की काफी आलोचना हुई। एनालिस्ट का मानना है कि इससे भारत के साथ तनाव बढ़ सकता है। साथ ही, यह पाकिस्तान की अंदरूनी राजनीति का भी हिस्सा है। जनरल मुनीर ने टू-नेशन थ्योरी की बात की। यह थ्योरी मुहम्मद अली जिन्ना ने दी थी। इसके हिसाब से हिंदू और मुसलमान कभी एक साथ नहीं रह सकते। इसी थ्योरी के आधार पर 1947 में पाकिस्तान बना था। आलोचकों का कहना है कि मुनीर कश्मीर के बारे में बात करके लोगों का ध्यान अंदरूनी समस्याओं से हटाना चाहते हैं। बलूच लिबरेशन आर्मी ने हाल ही में हमले किए थे, लेकिन मुनीर ने उन्हें मामूली बताया। उन्होंने कहा कि "आतंकवादियों की 10 पीढ़ियां भी पाकिस्तान को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं"। आर्मी का दबदबा बनाए रखने के लिए दिया बयानकुछ लोगों का मानना है कि जनरल मुनीर यह सब इसलिए कर रहे हैं ताकि देश में आर्मी का दबदबा बना रहे। टू-नेशन थ्योरी और कश्मीर की बात करके वह लोगों की भावनाओं को भड़काना चाहते हैं। इससे देश के लोग एकजुट हो सकते हैं। उन्होंने हिंदुओं के बारे में जो बातें कहीं, उन्हें भारत के सोशल मीडिया यूजर्स ने 'शर्मनाक' बताया। इससे पाकिस्तान में कट्टरपंथी लोगों को खुश किया जा सकता है।मुनीर ने यह भी कहा कि 1.3 मिलियन सैनिकों वाली भारतीय सेना पाकिस्तान को डरा नहीं सकती। उन्होंने यह बात कहकर यह दिखाने की कोशिश की कि पाकिस्तान की सेना कमजोर नहीं है। जबकि सच्चाई यह है कि पाकिस्तान की सेना बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में विद्रोहियों से लड़ रही है और उसके पास संसाधनों की कमी है। पाकिस्तान के लिए तरक्की और दुनिया से जुड़ना मुश्किलपाकिस्तान की आर्थिक हालत खराब है और दूसरे देशों से भी उसके रिश्ते अच्छे नहीं हैं। ऐसे में मुनीर का भाषण समाज को और बांट सकता है और दूसरे देशों के साथ रिश्ते बिगाड़ सकता है। इससे कुछ लोगों को तो अच्छा लग सकता है, लेकिन इससे देश में अच्छी सरकार लाने और पड़ोसी देशों के साथ सुलह करने में मुश्किल होगी। विदेश में रहने वाले पाकिस्तानियों को 'two-nation theory' की बात सुनकर अपने पुराने दिनों की याद आ सकती है। लेकिन, इससे आने वाली पीढ़ी पर एक बोझ पड़ेगा। उन्हें एक ऐसी विचारधारा के साथ जीना होगा जो लोगों को बांटती है। इससे पाकिस्तान के लिए तरक्की करना और दुनिया के साथ जुड़ना मुश्किल हो सकता है।
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