Study MBBS in Canada: विदेश में मेडिकल की पढ़ाई के लिए किसी भी देश को चुनने से पहले ये तय करना होता है कि वहां पर जॉब के क्या अवसर हैं। इसकी वजह ये है कि बहुत से भारतीय छात्र जब विदेश में डिग्री लेने जाते हैं, तो उनका सबसे बड़ा मकसद उसी देश में जॉब पाना होता है। यही बात मेडिकल एजुकेशन हासिल करने के लिए जाने वाले छात्रों पर भी लागू होती है। यही वजह है कि इस वक्त एक देश ऐसा है, जहां जाकर डॉक्टर बनना भारतीय छात्रों की जिंदगी का सबसे अच्छा फैसला होगा।
Video
दरअसल, हम यहां जिस देश की बात कर रहे हैं, वह कनाडा है। यहां पहले से ही लाखों भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। वैसे तो कनाडा को मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, डिप्लोमा आदि के लिए अच्छा देश माना जाता है। हालांकि, कनाडा दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां का मेडिकल एजुकेशन सबसे बेस्ट है। यहां वर्ल्ड-क्लास यूनिवर्सिटीज मौजूद हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि कनाडा में डॉक्टर्स की औसतन सालाना सैलरी 2.5 करोड़ से 4.5 करोड़ रुपये के बीच है। डॉक्टर्स को आसानी से PR भी मिल जाता है।
कनाडा की टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक, कनाडा में एक दो नहीं, बल्कि एक दर्जन से ज्यादा टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज मौजूद हैं। दुनिया के टॉप-100 मेडिकल कॉलेजों में से छह कनाडा से हैं। आइए कनाडा की 10 टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज के नाम जानते हैं।
दरअसल, कनाडा को 2028 तक 44 हजार डॉक्टर्स की जरूरत है। इस वक्त यहां का हेल्थकेयर सिस्टम डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा है। फैमिली डॉक्टर्स की सबसे ज्यादा कमी है। कनाडा को 2028 तक 30 हजार से ज्यादा डॉक्टर्स को तैयार करना होगा, ताकि वह प्रति व्यक्ति डॉक्टर्स की लिमिट तक आ सके। कनाडा में सबसे बुरा हाल ग्रामीण इलाकों का है, जहां पर देश के सिर्फ 8 फीसदी डॉक्टर्स की अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस वजह से लोगों को इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है।
यही वजह है कि अगर आप कनाडा में डॉक्टर बनने जाते हैं, तो फिर आपको डिग्री मिलते ही आसानी से जॉब भी मिल जाएगी। कनाडा में डॉक्टर्स का प्रोफेशन सबसे ज्यादा सैलरी वाला है। कनाडा में एक से बढ़कर एक प्राइवेट अस्पताल हैं, जहां डॉक्टर्स को अच्छी सैलरी दी जाती है। सरकार डॉक्टर्स को अपने यहां हायर भी करती है। इसके अलावा कई सारे राज्यों में डॉक्टर्स को प्राथमिकता वाले वर्कर्स के तौर पर गिना जाता है और उन्हें तुरंत PR मिलता है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि कनाडा में डॉक्टर बनना बेस्ट है।
Video
दरअसल, हम यहां जिस देश की बात कर रहे हैं, वह कनाडा है। यहां पहले से ही लाखों भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। वैसे तो कनाडा को मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, डिप्लोमा आदि के लिए अच्छा देश माना जाता है। हालांकि, कनाडा दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां का मेडिकल एजुकेशन सबसे बेस्ट है। यहां वर्ल्ड-क्लास यूनिवर्सिटीज मौजूद हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि कनाडा में डॉक्टर्स की औसतन सालाना सैलरी 2.5 करोड़ से 4.5 करोड़ रुपये के बीच है। डॉक्टर्स को आसानी से PR भी मिल जाता है।
कनाडा की टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक, कनाडा में एक दो नहीं, बल्कि एक दर्जन से ज्यादा टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज मौजूद हैं। दुनिया के टॉप-100 मेडिकल कॉलेजों में से छह कनाडा से हैं। आइए कनाडा की 10 टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज के नाम जानते हैं।
- टोरंटो यूनिवर्सिटी
- मैक्गिल यूनिवर्सिटी
- ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी
- मैक्मास्टर यूनिवर्सिटी
- अल्बर्टा यूनिवर्सिटी
- मॉन्ट्रियाल यूनिवर्सिटी
- ओटावा यूनिवर्सिटी
- कालगिरी यूनिवर्सिटी
- क्वीन यूनिवर्सिटी
- डलहौजी यूनिवर्सिटी
दरअसल, कनाडा को 2028 तक 44 हजार डॉक्टर्स की जरूरत है। इस वक्त यहां का हेल्थकेयर सिस्टम डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा है। फैमिली डॉक्टर्स की सबसे ज्यादा कमी है। कनाडा को 2028 तक 30 हजार से ज्यादा डॉक्टर्स को तैयार करना होगा, ताकि वह प्रति व्यक्ति डॉक्टर्स की लिमिट तक आ सके। कनाडा में सबसे बुरा हाल ग्रामीण इलाकों का है, जहां पर देश के सिर्फ 8 फीसदी डॉक्टर्स की अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस वजह से लोगों को इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है।
यही वजह है कि अगर आप कनाडा में डॉक्टर बनने जाते हैं, तो फिर आपको डिग्री मिलते ही आसानी से जॉब भी मिल जाएगी। कनाडा में डॉक्टर्स का प्रोफेशन सबसे ज्यादा सैलरी वाला है। कनाडा में एक से बढ़कर एक प्राइवेट अस्पताल हैं, जहां डॉक्टर्स को अच्छी सैलरी दी जाती है। सरकार डॉक्टर्स को अपने यहां हायर भी करती है। इसके अलावा कई सारे राज्यों में डॉक्टर्स को प्राथमिकता वाले वर्कर्स के तौर पर गिना जाता है और उन्हें तुरंत PR मिलता है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि कनाडा में डॉक्टर बनना बेस्ट है।
You may also like
बिहार: भाई ने भाई को मारी गोली, छत पर चढ़कर करता रहा ड्रामा, ड्रोन कैमरे के मदद से पुलिस की गिरफ्तारी
बेशर्म ही नहीं, खेल भावना भी भूल गए थे अंग्रेज कप्तान, जब होश आया तो यूं रविंद्र जडेजा से हाथ मिलाने दौड़ पड़े
बिहार वोटर लिस्ट: 7.24 करोड़ वोटरों ने जमा किया फॉर्म, ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी करने में जुटा आयोग
नागद्वारी मेलाः अब तक तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए पद्मशेष नामदेवता के दर्शन
MP में फिर इंजीनियरिंग की मिसाल! बिना खंभे हटाए बना दी सड़क, बीचे में छोड़े पोल से रोज हो रहे हादसे, प्रशासन मौन