मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार को आचार संहिता उल्लंघन के मामले को लेकर चुनाव आयोग को घेरा। चव्हाण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया था, लेकिन राज्य चुनाव आयोग उनके खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई करने से कतरा रहा है। आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन की बात स्वीकार की और रेलवे प्रशासन को केवल स्पष्टीकरण दिया, लेकिन मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। कानून से ऊपर कोई नहीं है, फिर आयोग नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है, इस सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि वह इस मामले में हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
क्या है पूरा मामला, समझें
मुंबई के तिलक भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि 28 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन रेल मंत्री और कृषि मंत्री ने सोलापुर जिले के सांगोला निर्वाचन क्षेत्र में पश्चिम बंगाल के सांगोला से शालीमार तक किसान रेल की 100वीं ट्रेन का उद्घाटन किया था। उस समय महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव चल रहे थे। यह कार्यक्रम पूरे देश में टीवी पर प्रसारित किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए चुनाव आयोग और जिला प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
पीएम मोदी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं?
चव्हाण ने कहा कि जब एक कार्यकर्ता प्रफुल्ल कदम ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की, तो शुरुआत में तो समय बर्बाद किया गया, लेकिन अंत में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन पाया गया और केवल रेल प्रशासन को ही स्पष्टीकरण दिया गया। चव्हाण ने कहा कि यह स्पष्ट होने के बावजूद कि इस मामले में कानून का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया है, नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस मामले में शिकायतकर्ता प्रफुल्ल कदम ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में सभी नियमों और कानूनों के अनुसार जानकारी दी। उन्होंने मांग की है कि यह चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने का एक प्रयास है और चूंकि यह आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है, इसलिए नरेंद्र मोदी की लोकसभा सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। इस मौके पर महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख हर्षवर्घन सपकाल भी मौजूद रहे।
क्या है पूरा मामला, समझें
मुंबई के तिलक भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि 28 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन रेल मंत्री और कृषि मंत्री ने सोलापुर जिले के सांगोला निर्वाचन क्षेत्र में पश्चिम बंगाल के सांगोला से शालीमार तक किसान रेल की 100वीं ट्रेन का उद्घाटन किया था। उस समय महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव चल रहे थे। यह कार्यक्रम पूरे देश में टीवी पर प्रसारित किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए चुनाव आयोग और जिला प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
पीएम मोदी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं?
चव्हाण ने कहा कि जब एक कार्यकर्ता प्रफुल्ल कदम ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की, तो शुरुआत में तो समय बर्बाद किया गया, लेकिन अंत में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन पाया गया और केवल रेल प्रशासन को ही स्पष्टीकरण दिया गया। चव्हाण ने कहा कि यह स्पष्ट होने के बावजूद कि इस मामले में कानून का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया है, नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस मामले में शिकायतकर्ता प्रफुल्ल कदम ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में सभी नियमों और कानूनों के अनुसार जानकारी दी। उन्होंने मांग की है कि यह चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने का एक प्रयास है और चूंकि यह आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है, इसलिए नरेंद्र मोदी की लोकसभा सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। इस मौके पर महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख हर्षवर्घन सपकाल भी मौजूद रहे।
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