नई दिल्ली: नेशनल स्पोर्ट्स काउंसिल (एनएससी) ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया। उन्होंने फारूक अहमद को बीसीबी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में अपने प्रतिनिधि के पद से हटा दिया। इसका मतलब है कि अब वे बीसीबी के अध्यक्ष नहीं रहे। उन्हें पिछले साल नजमुल हसन के इस्तीफे के बाद एनएससी ने पार्षद के तौर पर चुना था। नजमुल हसन का इस्तीफा छात्रों के आंदोलन के बाद हुआ था।
आठ बीसीबी डायरेक्टर्स ने फारूक अहमद को अध्यक्ष पद से हटाने के लिए वोट किया। इसके तुरंत बाद एनएससी ने यह घोषणा की। एनएससी ने एक बयान में कहा- आठ बीसीबी डायरेक्टर्स द्वारा फारूक अहमद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भेजा गया था। BPL के बारे में फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट भी आई थी। इन सब को देखते हुए नेशनल स्पोर्ट्स काउंसिल (खेल मंत्रालय) ने फारूक अहमद का नॉमिनेशन रद्द कर दिया है।
एनएससी ने 29 मई को बीसीबी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर को एक पत्र लिखा। इस पत्र में एनएससी एक्ट के सेक्शन 13.2(b)(4) का हवाला दिया गया। इसी के तहत फारूक अहमद को हटाने का फैसला लिया गया। इस पत्र से यह साफ हो गया कि फारूक अहमद को हटाया जा रहा है। वे 9 महीने और 8 दिन तक अध्यक्ष पद पर रहे। इससे पहले, फारूक अहमद ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था, जब सरकार ने उनसे पद छोड़ने के लिए कहा था।
फारूक अहमद को नौ बीसीबी डायरेक्टर्स ने अध्यक्ष चुना था। वे खेल मंत्रालय के कोटे से बीसीबी बोर्ड में दो नॉमिनेटेड डायरेक्टर्स में से एक थे। उन्हें पिछले साल 21 अगस्त को डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। खबर है कि पूर्व नेशनल कैप्टन अमीनुल इस्लाम फारूक अहमद की जगह बीसीबी के अध्यक्ष बन सकते हैं।
सीधे शब्दों में कहें तो एनएससी ने फारूक अहमद को बीसीबी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। इसकी वजह आठ डायरेक्टर्स का अविश्वास प्रस्ताव और BPL पर आई रिपोर्ट है। एनएससी ने अपने एक्ट के तहत यह कार्रवाई की है। फारूक अहमद 9 महीने से कुछ ज्यादा समय तक अध्यक्ष रहे। उन्होंने सरकार के कहने पर भी इस्तीफा नहीं दिया था। अब अमीनुल इस्लाम के बीसीबी अध्यक्ष बनने की संभावना है। एनएससी का कहना है कि फारूक अहमद को हटाने का फैसला बीसीबी डायरेक्टर्स के अविश्वास प्रस्ताव और BPL की जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। एनएससी एक्ट के सेक्शन 13.2(b)(4) के अनुसार, वे किसी भी प्रतिनिधि को हटा सकते हैं। फारूक अहमद को खेल मंत्रालय ने नॉमिनेट किया था।
फारूक अहमद को हटाने की खबर पहले से ही चल रही थी। अब एनएससी के पत्र से यह साफ हो गया है। फारूक अहमद ने पहले कहा था कि वे इस्तीफा नहीं देंगे। लेकिन अब उन्हें पद से हटा दिया गया है। अब देखना यह है कि अमीनुल इस्लाम बीसीबी के अध्यक्ष बनते हैं या नहीं। और अगर बनते हैं तो वे बीसीबी के लिए क्या बदलाव लाते हैं।
आठ बीसीबी डायरेक्टर्स ने फारूक अहमद को अध्यक्ष पद से हटाने के लिए वोट किया। इसके तुरंत बाद एनएससी ने यह घोषणा की। एनएससी ने एक बयान में कहा- आठ बीसीबी डायरेक्टर्स द्वारा फारूक अहमद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भेजा गया था। BPL के बारे में फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट भी आई थी। इन सब को देखते हुए नेशनल स्पोर्ट्स काउंसिल (खेल मंत्रालय) ने फारूक अहमद का नॉमिनेशन रद्द कर दिया है।
एनएससी ने 29 मई को बीसीबी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर को एक पत्र लिखा। इस पत्र में एनएससी एक्ट के सेक्शन 13.2(b)(4) का हवाला दिया गया। इसी के तहत फारूक अहमद को हटाने का फैसला लिया गया। इस पत्र से यह साफ हो गया कि फारूक अहमद को हटाया जा रहा है। वे 9 महीने और 8 दिन तक अध्यक्ष पद पर रहे। इससे पहले, फारूक अहमद ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था, जब सरकार ने उनसे पद छोड़ने के लिए कहा था।
फारूक अहमद को नौ बीसीबी डायरेक्टर्स ने अध्यक्ष चुना था। वे खेल मंत्रालय के कोटे से बीसीबी बोर्ड में दो नॉमिनेटेड डायरेक्टर्स में से एक थे। उन्हें पिछले साल 21 अगस्त को डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। खबर है कि पूर्व नेशनल कैप्टन अमीनुल इस्लाम फारूक अहमद की जगह बीसीबी के अध्यक्ष बन सकते हैं।
सीधे शब्दों में कहें तो एनएससी ने फारूक अहमद को बीसीबी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। इसकी वजह आठ डायरेक्टर्स का अविश्वास प्रस्ताव और BPL पर आई रिपोर्ट है। एनएससी ने अपने एक्ट के तहत यह कार्रवाई की है। फारूक अहमद 9 महीने से कुछ ज्यादा समय तक अध्यक्ष रहे। उन्होंने सरकार के कहने पर भी इस्तीफा नहीं दिया था। अब अमीनुल इस्लाम के बीसीबी अध्यक्ष बनने की संभावना है। एनएससी का कहना है कि फारूक अहमद को हटाने का फैसला बीसीबी डायरेक्टर्स के अविश्वास प्रस्ताव और BPL की जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। एनएससी एक्ट के सेक्शन 13.2(b)(4) के अनुसार, वे किसी भी प्रतिनिधि को हटा सकते हैं। फारूक अहमद को खेल मंत्रालय ने नॉमिनेट किया था।
फारूक अहमद को हटाने की खबर पहले से ही चल रही थी। अब एनएससी के पत्र से यह साफ हो गया है। फारूक अहमद ने पहले कहा था कि वे इस्तीफा नहीं देंगे। लेकिन अब उन्हें पद से हटा दिया गया है। अब देखना यह है कि अमीनुल इस्लाम बीसीबी के अध्यक्ष बनते हैं या नहीं। और अगर बनते हैं तो वे बीसीबी के लिए क्या बदलाव लाते हैं।
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