AI Terrifying Risks: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने से लोगों को सहूलियत हुई है, लेकिन इसके आने से कई लोगों के मन में डर भी बैठा हुआ है। आए दिन रिपोर्ट्स आती हैं, जो बताती हैं कि AI किन नौकरियों को खाने वाला है और कहां-कहां इसकी वजह से कंपनियां छंटनी कर रही हैं। लेकिन AI सिर्फ नौकरी नहीं खाने वाले, इसके कई और नुकसान भी होने वाले हैं। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट बताती है कि AI से 7 बड़े नुकसान होंगे। चलिए, जान लेते हैं कि ये 7 नुकसान कौनसे हैं?
जॉब मार्केट प्रभावित होगायह बात तो जगजाहिर है कि AI की वजह से जॉब मार्केट प्रभावित होने वाला है। मशीनें और रोबोट इंसानों से सस्ते और तेज काम कर सकते हैं। इससे कई सेक्टर्स में लोग बेरोजगार हो सकते हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, ग्राफिक डिजाइन और वॉयस ओवर का काम करने वाले लोगों की जगह AI आसानी से ले सकते हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम भी इसकी वॉर्निंग दे चुका है। हालांकि, सरकारों ने इस चुनौती से निपटने के लिए अभी तक कोई खास कदम नहीं उठाए।
प्राइवेसी को खतरा हो सकता हैAI से हमारी प्राइवेसी पर भी खतरा होने वाला है। फोर्ब्स की रिपोर्ट बताती है कि AI हमारे बारे में इतनी जानकारी जुटा सकता है कि हमें भी पता नहीं लग पाएगा कि कितनी इन्फो AI तक पहुंच गई है। ऑफिस से लेकर सड़क तक पर AI लोगों की निगरानी कर सकती है। इसलिए लोगों का मानना है कि बेहद जल्द AI इतना फैल जाएगा कि कोई भी जगह ऐसी नहीं रहेगी, जहां पर लोगों की प्राइवेसी मेंटेंन हो पाएगी।
पर्यावरण के लिए खतरा बन सकता हैAI को चलाने के लिए बहुत सारी बिजली की जरूरत होती है। इसके लिए बड़े-बड़े डेटा सेंटर बनाए जा रहे हैं। इन डेटा सेंटर्स पर बहुत सारी बिजली खर्च होती है। ये सेंटर हवा में जहरीली गैस भी छोड़ता है। जब दुनिया में पहले से पानी की कमी है, तब AI के आने से पानी की खपत और बढ़ जाएगी। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स ऐसी भी हैं जो बताती हैं कि AI भविष्य में पर्यावरण को बेहतर बनाने में मददगार होगा।
हथियारों का AI से लैस होना खतरनाकAI का हथियार निर्माण में भी इस्तेमाल हो रजा है। इससे बने हुए हथियार बेहद एडवांस होंगे, खतरा रहेगा कि कहीं ये हथियार गलत हाथों में ना चले जाएं। इसके अलावा, हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध में रोबोट डॉग और ऐसी मशीनें देखने को मिली, जो इंसानों से इजाजत लेकर फायर करती हैं। लेकिन डर इस बात का है कि अगर पूरी तरह से ये वेपन ऑटोमेटिक हो गईं और खुद ही चलने लगीं तो क्या होगा।
फेक जानकारी का मायाजालAI की मदद से बहुत आसानी से फेक वीडियो और इमेज क्रिएट किए जा सकते हैं। इससे झूठी खबरें फैलाने लग जाती हैं। डीपफेक वीडियो में बड़े नेताओं को ऐसी बातें कहते दिखाया जा सकता है, जो उन्होंने कभी कही ही नहीं। ये बातें लोगों को गुमराह करती हैं। AI के आने के बाद फेक जानकारी बढ़ रही है, जिससे लोग भ्रमित हो रहे हैं।
क्रिएटिविटी हो सकती है चोरीअगर आप राइटर, पेंटर या कोई क्रिएटिव काम करने वाले हैं, तो आपको यह डर सता सकता है कि बड़ी टेक कंपनियां आपका काम बिना इजाजत इस्तेमाल कर रही हैं। वे आपके काम से AI को ट्रेन करते हैं और इससे पैसे कमाते हैं, लेकिन आपको कुछ नहीं मिलता। इस बात को लेकर कई लोग विरोध कर रहे हैं। अदालतों में मामले चल रहे हैं।
AI इंसानों के खिलाफ भी हो सकता हैआपने अक्सर हॉलीवुड की फिल्मों में देखा होगा कि ऐसा फ्यूचर दिखाया जाता है जहां मशीनें सोच सकती हैं, उनका शासन हो जाता है और वे इंसानी कौम को खत्म करना चाहती हैं। यदि AI मशीनों को सोचने की शक्ति दी गई, तो वे हमारे खिलाफ हो सकती हैं। अभी यह सिर्फ कहानियों में है, लेकिन अगर AI खुद विकसित होने लगे और हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाए, तो यह खतरनाक हो सकता है।
जॉब मार्केट प्रभावित होगायह बात तो जगजाहिर है कि AI की वजह से जॉब मार्केट प्रभावित होने वाला है। मशीनें और रोबोट इंसानों से सस्ते और तेज काम कर सकते हैं। इससे कई सेक्टर्स में लोग बेरोजगार हो सकते हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, ग्राफिक डिजाइन और वॉयस ओवर का काम करने वाले लोगों की जगह AI आसानी से ले सकते हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम भी इसकी वॉर्निंग दे चुका है। हालांकि, सरकारों ने इस चुनौती से निपटने के लिए अभी तक कोई खास कदम नहीं उठाए।
प्राइवेसी को खतरा हो सकता हैAI से हमारी प्राइवेसी पर भी खतरा होने वाला है। फोर्ब्स की रिपोर्ट बताती है कि AI हमारे बारे में इतनी जानकारी जुटा सकता है कि हमें भी पता नहीं लग पाएगा कि कितनी इन्फो AI तक पहुंच गई है। ऑफिस से लेकर सड़क तक पर AI लोगों की निगरानी कर सकती है। इसलिए लोगों का मानना है कि बेहद जल्द AI इतना फैल जाएगा कि कोई भी जगह ऐसी नहीं रहेगी, जहां पर लोगों की प्राइवेसी मेंटेंन हो पाएगी।
पर्यावरण के लिए खतरा बन सकता हैAI को चलाने के लिए बहुत सारी बिजली की जरूरत होती है। इसके लिए बड़े-बड़े डेटा सेंटर बनाए जा रहे हैं। इन डेटा सेंटर्स पर बहुत सारी बिजली खर्च होती है। ये सेंटर हवा में जहरीली गैस भी छोड़ता है। जब दुनिया में पहले से पानी की कमी है, तब AI के आने से पानी की खपत और बढ़ जाएगी। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स ऐसी भी हैं जो बताती हैं कि AI भविष्य में पर्यावरण को बेहतर बनाने में मददगार होगा।
हथियारों का AI से लैस होना खतरनाकAI का हथियार निर्माण में भी इस्तेमाल हो रजा है। इससे बने हुए हथियार बेहद एडवांस होंगे, खतरा रहेगा कि कहीं ये हथियार गलत हाथों में ना चले जाएं। इसके अलावा, हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध में रोबोट डॉग और ऐसी मशीनें देखने को मिली, जो इंसानों से इजाजत लेकर फायर करती हैं। लेकिन डर इस बात का है कि अगर पूरी तरह से ये वेपन ऑटोमेटिक हो गईं और खुद ही चलने लगीं तो क्या होगा।
फेक जानकारी का मायाजालAI की मदद से बहुत आसानी से फेक वीडियो और इमेज क्रिएट किए जा सकते हैं। इससे झूठी खबरें फैलाने लग जाती हैं। डीपफेक वीडियो में बड़े नेताओं को ऐसी बातें कहते दिखाया जा सकता है, जो उन्होंने कभी कही ही नहीं। ये बातें लोगों को गुमराह करती हैं। AI के आने के बाद फेक जानकारी बढ़ रही है, जिससे लोग भ्रमित हो रहे हैं।
क्रिएटिविटी हो सकती है चोरीअगर आप राइटर, पेंटर या कोई क्रिएटिव काम करने वाले हैं, तो आपको यह डर सता सकता है कि बड़ी टेक कंपनियां आपका काम बिना इजाजत इस्तेमाल कर रही हैं। वे आपके काम से AI को ट्रेन करते हैं और इससे पैसे कमाते हैं, लेकिन आपको कुछ नहीं मिलता। इस बात को लेकर कई लोग विरोध कर रहे हैं। अदालतों में मामले चल रहे हैं।
AI इंसानों के खिलाफ भी हो सकता हैआपने अक्सर हॉलीवुड की फिल्मों में देखा होगा कि ऐसा फ्यूचर दिखाया जाता है जहां मशीनें सोच सकती हैं, उनका शासन हो जाता है और वे इंसानी कौम को खत्म करना चाहती हैं। यदि AI मशीनों को सोचने की शक्ति दी गई, तो वे हमारे खिलाफ हो सकती हैं। अभी यह सिर्फ कहानियों में है, लेकिन अगर AI खुद विकसित होने लगे और हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाए, तो यह खतरनाक हो सकता है।
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