रोहतास: बिहार के रोहतास जिले के नौहट्टा थाना क्षेत्र के एक सुदूर पहाड़ी गांव में गुरुवार की देर शाम जादू-टोना करने के संदेह में एक बुजुर्ग आदिवासी महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मृतक किस्मतिया देवी (60) के बेटे राजू उरांव ने आरोप लगाया कि उनके पड़ोसी उपेंद्र उरांव के आठ वर्षीय बेटे की गुरुवार को अचानक बीमारी के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद उसके दादा विष्णुदेव उरांव और परिवार के सदस्यों ने किस्मतिया देवी को डायन बताकर उस पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया था। धारदार हथियार से हमला वे लड़के का शव लेकर उसके घर पहुंचे और धारदार हथियारों से उस पर तब तक हमला करते रहे जब तक कि महिला की मौके पर ही मौत नहीं हो गई। पुलिस ने बताया कि यह गांव नौहट्टा पुलिस थाने से 50 किलोमीटर दूर और सासाराम से 70 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है तथा माओवाद प्रभावित जंगलों में स्थित है। चूंकि पुलिस रात में माओवाद प्रभावित जंगलों में नहीं जा सकती थी, इसलिए एसएचओ चंद्रशेखर शर्मा के नेतृत्व में एक पुलिस दल सुबह महिला और लड़के के शवों को लेकर आया। एसपी ने दिया बयानपुलिस अधीक्षक रौशन कुमार ने बताया कि महिला के परिवार के बयान के आधार पर भारतीय न्याय संहिता और जादू-टोना अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। मुख्य आरोपी विष्णुदेव उरांव को गिरफ्तार कर लिया गया है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। ध्यान रहे कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में आज भी डायन के बारे में अफवाह फैलती है। उसके बाद किसी न किसी निर्दोष महिला की जान जाती है। इस घटना में भी कुछ ऐसा ही हुआ। बेटे की मौत का कारण एक बुजुर्ग महिला को बताया गया और उसकी जान ले ली गई।
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