फिल्म 'तारे जमीन पर' में डिस्लेक्सिया बीमारी से पीड़ित बच्चे ईशान नंदकिशोर अवस्थी का रोल निभाकर लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले दर्शील सफारी अब बड़े हो गए हैं और अपनी नई वेब सीरीज गेमरलोग को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में दर्शील नवभारत टाइम्स के ऑफिस आए तो अपने करियर, पढ़ाई और आमिर खाने के बारे में ढेर सारी बातें कीं। पेश है उस बातचीत के कुछ अंश:
- दर्शील, आपकी पहली फिल्म तारे ज़मीन पर अब से 18 साल पहले साल 2007 में आई थी। आप अपनी पहली फिल्म से लेकर इस फिल्म तक के सफर के बारे में बताइए।मेरा पूरा सफर किसी रोलर-कोस्टर से कम नहीं है। मेरा यह सोचना था कि मैं सबसे अनुभवी निर्देशकों के साथ काम कर पाऊं। मुझे शुरू से ही एक झिझक सी होती थी कि मैं एक ट्रेन्ड ऐक्टर नहीं हूं जिसने ऐक्टिंग सीखी हो। तो मुझसे जो भी डायरेक्टर कहते थे, मैं कर लेता था। लेकिन जो चीज़ें ऐक्टिंग को बनाती हैं, चाहे भीतर के इमोशन्स हों या इम्प्रोवाइजेशन, वह नहीं आ पा रही थी। और चूंकि मैंने कई दिग्गज़ों जैसे आमिर खान, अतुल कुलकर्णी, रॉनित रॉय जैसों के साथ काम कर लिया था, तो मैं सोचता था कि मैं वहां तक कैसे पहुंचूंगा। फिर मैंने अपने बोर्ड एग्जाम खत्म होने के बाद ब्रेक लिया और थिएटर जॉइन किया। यह सिलसिला कोविड महामारी तक चला और मैंने लगभग हर राज्य में परफॉर्म किया। इस चीज ने मुझे बदल दिया और सिखाया कि एक ऐक्टर क्या होता है। लेकिन कोविड में सबकुछ अचानक थम सा गया। इस दौरान मुझे लगा कि अब वेब सीरीज से बड़े पर्दे पर वापसी की जा सकती है। मैंने फिर ऑडिशन दिया गेमरलोग के लिए और मुझे चुन लिया गया। मैं मानता हूं कि अगर आप किसी चीज के लिए तैयार हैं, तभी वह आपके पास आती है।
- एक ऐसा बैट्समैन जो पहली ही बॉल पर सिक्स मार दे, (दर्शील की डेब्यू फिल्म तारे जमीन पर सुपरहिट रही थी), उसके लिए बाकी चीजों को चेजं करना कितना मुश्किल होता है?उसके लिए आइडिया यही है कि आपको आउट नहीं होना है। अगर आउट होते हो तो आगे की इनिंग्स का भी देखना है। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि गेंद ही आपकी रेंज में आ जाती है। अब जब मैंने नेट पर खूब प्रैक्टिस की है, तो फिर से यह मौका आया है।
- तब फिल्म के बाद आमिर खान के टच में थे?बिल्कुल, मैं तो अभी तक आमिर खान सर के टच में हूं। बीच में थिएटर के समय थोड़ा सा गैप आ गया था। अभी गेमरलोग के लिए मैंने उन्हें अप्रोच किया तो उन्होंने मुझे घर बुलाया। हमने उनको भी गेमरलोग का ट्रेलर दिखाया और उनको काफी पसंद आया। इससे हमें भी प्रोत्साहन मिला।
- आपको फिल्म तारे ज़मीन पर से पहचान मिली थी। क्या इसे संयोग ही कहा जाए कि इस समय आमिर खान की फिल्म सितारे ज़मीन पर भी सिनेमाघरों में है और आपकी गेमरलोग भी रिलीज हुई है।बिल्कुल, ये कुदरत का कोई करिश्मा या ऊपर से लिखी हुई कोई कहानी लगती है। क्योंकि ऐसा कुछ प्लान नहीं था। हमारे इस शो की मेहनत बहुत सालों से चल रही है और फिर इसी टाइम पर पता नहीं कैसे रिलीज़ हो गई। एक बात अच्छी है कि दोनों प्रोजेक्ट्स को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है और मेहनत रंग लाई। मैं एक चीज़ हमेशा मानता हूं कि ऑडियंस सबसे महत्वपूर्ण है और कॉन्टेंट ही किंग है। और आज के समय में हमारी ऑडियंस बहुत स्मार्ट हो चुकी है। तो यह जो हमारा शो है गेमरलोग, यह एक गेमिंग के लेंस के द्वारा जिंदगी की कहानी बताती है। इसमें गेमरलोग एक टीम है जो एक ई-स्पोर्ट्स कॉम्पिटीशन जीतना चाहती है। और इसमें भारत के सारे हिस्से से आए हुए लोग हैं। और यह सभी कैसे एकजुट होकर कॉम्पिटीशन जीतने की मेहनत करते हैं। इसमें संघर्ष, दोस्ती सब है और ऐसी सिचुएशन हम सभी की लाइफ में आती हैं।
- आप गेमरलोग में काम कर रहे हैं। क्या आपने पहले कभी गेमिंग की है? और कैसा लगा इस सीरीज में काम करके?हम सभी ने बहुत मेहनत, लगन, प्यार और पैशन से यह प्रोजेक्ट बनाया है। सभी लोग गेमिंग से कहीं न कहीं जुड़े हुए हैं। नीता मैम (लेखक-प्रड्यूसर) उतना प्रफेशनली नहीं खेलतीं, लेकिन फिर भी उनका बहुत सपोर्ट रहा। फिर लोगों का इतना प्यार आना और पहले ही चार दिन में हम टॉप 5 में आ गए थे, तो वह भी एक बहुत हॉर्ट वॉर्मिंग फीलिंग है। मैं बस यही आशा करता हूं कि ऑडियंस जो हमें रिस्पॉन्स दे रही है, वह देती रहे। ताकि हम भी ऐसा काम करते रहें। इससे हमें भी बहुत प्रोत्साहन मिलता है।
- दर्शील, आपकी पहली फिल्म तारे ज़मीन पर अब से 18 साल पहले साल 2007 में आई थी। आप अपनी पहली फिल्म से लेकर इस फिल्म तक के सफर के बारे में बताइए।मेरा पूरा सफर किसी रोलर-कोस्टर से कम नहीं है। मेरा यह सोचना था कि मैं सबसे अनुभवी निर्देशकों के साथ काम कर पाऊं। मुझे शुरू से ही एक झिझक सी होती थी कि मैं एक ट्रेन्ड ऐक्टर नहीं हूं जिसने ऐक्टिंग सीखी हो। तो मुझसे जो भी डायरेक्टर कहते थे, मैं कर लेता था। लेकिन जो चीज़ें ऐक्टिंग को बनाती हैं, चाहे भीतर के इमोशन्स हों या इम्प्रोवाइजेशन, वह नहीं आ पा रही थी। और चूंकि मैंने कई दिग्गज़ों जैसे आमिर खान, अतुल कुलकर्णी, रॉनित रॉय जैसों के साथ काम कर लिया था, तो मैं सोचता था कि मैं वहां तक कैसे पहुंचूंगा। फिर मैंने अपने बोर्ड एग्जाम खत्म होने के बाद ब्रेक लिया और थिएटर जॉइन किया। यह सिलसिला कोविड महामारी तक चला और मैंने लगभग हर राज्य में परफॉर्म किया। इस चीज ने मुझे बदल दिया और सिखाया कि एक ऐक्टर क्या होता है। लेकिन कोविड में सबकुछ अचानक थम सा गया। इस दौरान मुझे लगा कि अब वेब सीरीज से बड़े पर्दे पर वापसी की जा सकती है। मैंने फिर ऑडिशन दिया गेमरलोग के लिए और मुझे चुन लिया गया। मैं मानता हूं कि अगर आप किसी चीज के लिए तैयार हैं, तभी वह आपके पास आती है।
- एक ऐसा बैट्समैन जो पहली ही बॉल पर सिक्स मार दे, (दर्शील की डेब्यू फिल्म तारे जमीन पर सुपरहिट रही थी), उसके लिए बाकी चीजों को चेजं करना कितना मुश्किल होता है?उसके लिए आइडिया यही है कि आपको आउट नहीं होना है। अगर आउट होते हो तो आगे की इनिंग्स का भी देखना है। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि गेंद ही आपकी रेंज में आ जाती है। अब जब मैंने नेट पर खूब प्रैक्टिस की है, तो फिर से यह मौका आया है।
- तब फिल्म के बाद आमिर खान के टच में थे?बिल्कुल, मैं तो अभी तक आमिर खान सर के टच में हूं। बीच में थिएटर के समय थोड़ा सा गैप आ गया था। अभी गेमरलोग के लिए मैंने उन्हें अप्रोच किया तो उन्होंने मुझे घर बुलाया। हमने उनको भी गेमरलोग का ट्रेलर दिखाया और उनको काफी पसंद आया। इससे हमें भी प्रोत्साहन मिला।
- आपको फिल्म तारे ज़मीन पर से पहचान मिली थी। क्या इसे संयोग ही कहा जाए कि इस समय आमिर खान की फिल्म सितारे ज़मीन पर भी सिनेमाघरों में है और आपकी गेमरलोग भी रिलीज हुई है।बिल्कुल, ये कुदरत का कोई करिश्मा या ऊपर से लिखी हुई कोई कहानी लगती है। क्योंकि ऐसा कुछ प्लान नहीं था। हमारे इस शो की मेहनत बहुत सालों से चल रही है और फिर इसी टाइम पर पता नहीं कैसे रिलीज़ हो गई। एक बात अच्छी है कि दोनों प्रोजेक्ट्स को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है और मेहनत रंग लाई। मैं एक चीज़ हमेशा मानता हूं कि ऑडियंस सबसे महत्वपूर्ण है और कॉन्टेंट ही किंग है। और आज के समय में हमारी ऑडियंस बहुत स्मार्ट हो चुकी है। तो यह जो हमारा शो है गेमरलोग, यह एक गेमिंग के लेंस के द्वारा जिंदगी की कहानी बताती है। इसमें गेमरलोग एक टीम है जो एक ई-स्पोर्ट्स कॉम्पिटीशन जीतना चाहती है। और इसमें भारत के सारे हिस्से से आए हुए लोग हैं। और यह सभी कैसे एकजुट होकर कॉम्पिटीशन जीतने की मेहनत करते हैं। इसमें संघर्ष, दोस्ती सब है और ऐसी सिचुएशन हम सभी की लाइफ में आती हैं।
- आप गेमरलोग में काम कर रहे हैं। क्या आपने पहले कभी गेमिंग की है? और कैसा लगा इस सीरीज में काम करके?हम सभी ने बहुत मेहनत, लगन, प्यार और पैशन से यह प्रोजेक्ट बनाया है। सभी लोग गेमिंग से कहीं न कहीं जुड़े हुए हैं। नीता मैम (लेखक-प्रड्यूसर) उतना प्रफेशनली नहीं खेलतीं, लेकिन फिर भी उनका बहुत सपोर्ट रहा। फिर लोगों का इतना प्यार आना और पहले ही चार दिन में हम टॉप 5 में आ गए थे, तो वह भी एक बहुत हॉर्ट वॉर्मिंग फीलिंग है। मैं बस यही आशा करता हूं कि ऑडियंस जो हमें रिस्पॉन्स दे रही है, वह देती रहे। ताकि हम भी ऐसा काम करते रहें। इससे हमें भी बहुत प्रोत्साहन मिलता है।
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