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पंच महापुरुष राजयोग, एक भी है आपकी कुंडली में तो राजा के समान होगा जीवन

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Panch Mahapurush Raj Yoga : पंच महापुरुष राजयोग वैदिक ज्योतिष का अत्यंत शुभ योग है, जो कुंडली में एक विशिष्ट स्थिति में बनता है। और ये जातक को बुद्धिमत्ता, मान-सम्मान, सुख-समृद्धि, सरकारी पद आदि दिला सकते हैं। वैदिक ज्योतिष के मुताबिक मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि जब अपनी स्वराशि या उच्च राशि में होते हैं तब पंच महापुरुष राजयोग बनाते हैं। कुंडली में मंगल से रूचक योग, बुध से भद्र राजयोग, गुरु से हंस योग, शुक्र से मालव्य राजयोग और शनि से शश योग बनता है। यही पंच महापुरुष राजयोग हैं। माना जाता है कि किसी जातक की कुंडली में अगर इनमें से कोई भी एक राजयोग बनता है तो वह जीवन में राजा जैसा सुख प्राप्त करता है। उसका प्रभाव चारों ओर दिखता है। उसके मान सम्मान में इजाफा होता है। ऐसे में आइये विस्तार से जानते हैं कुंडली में ये पंच महापुरुष योग कैसे-कैसे बनते हैं और इनका किसी के जीवन में क्या शुभ प्रभाव पड़ता है।
​मंगल बनाते हैं रूचक पंच महापुरुष योग image

अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल पहले या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें, दसवें भाव में मेष, वृश्चिक या मकर राशि में हो तो रूचक पंच महापुरुष राजयोग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति साहसी होता है। उसके अंदर ऊर्जा का संचार होता है और वह अपने आसपास जबरदस्त प्रभाव बनाए रहता है। ऐसा व्यक्ति स्वतंत्र ख्याल होता है और खुद का कारोबार करने में भरोसा करता है। ऐसे व्यक्ति की कमाई भी अच्छी रहती है।


​बुध से बनता है भद्र पंच महापुरुष योग image

किसी जातक की कुंडली में बुध पहले या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में अपनी स्वराशि मिथुन या उच्च राशि कन्या में होते हैं तो भद्र पंच महापुरुष राजयोग बनता है। बुद्धि के कारक ग्रह बुध इस योग से जातक को बुद्धिमान बनाते हैं। ऐसा जातक समाज में प्रसिद्धि पाता है। वह सरकारी नौकरी में उच्च पद हासिल कर सकता है। यह पंच महापुरुष योग जातक को सभ्य बनाता है।


गुरु ग्रह से बनता है हंस पंच महापुरुष योग image



गुरु जब किसी जातक की कुंडली में लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, 7वें और 10वें भाव में स्वराशि धनु व मीन या उच्च राशि कर्क में होते हैं तो हंस पंच महापुरुष योग का निर्माण होता है। इस योग में जन्म लेने वाला जातक चरित्रवान होता है। उसे किस्मत का साथ मिलता है। इसके साथ ही प्रभावशाली लोगों का साथ मिलता है और निर्णय क्षमता अच्छी होती है।


​शुक्र ग्रह बनाते हैं मालव्य पंच महापुरुष राजयोग image

मालव्य पंच महापुरुष योग किसी की कुंडली में तब बनता है जब शुक्र लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में स्वराशि वृषभ व तुला और उच्च राशि मीन में होते हैं। इससे जातक बुद्धिमान होता है। उसमें धैर्य, संतोष जैसे गुण होते हैं। वह ऐश्वर्य की प्राप्ति करता है और उसे महंगे वाहन की भी प्राप्ति होती है। ऐसा जातक खाने पीने का शौकीन होता है और जीवनसाथी व बच्चों से भी सुख प्राप्त करता है। ऐसे व्यक्ति को समय समय पर संपत्ति और धन का लाभ मिलता है।


​शनि से बनता है शश पंच महापुरुष राजयोग image

अगर किसी जातक की कुंडली में शनि लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में स्वराशि मकर और कुंभ में होते हैं या उच्च राशि तुला में होते हैं तो शश पंच महापुरुष राजयोग बनता है। ये योग जिस भी जातक की कुंडली में बनता है तो वह मेहनती, ईमानदार और मजबूत होता है। ऐसा व्यक्ति विपरीत लिंग के लोगों को आकर्षित करने में कामयाब होता है। यही नहीं कार्यक्षेत्र में कई अधिकार और शक्तियां मिलती हैं। ऐसा व्यक्ति लोगों पर प्रभाव जमाता है।

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