Next Story
Newszop

कलियुग के बारे में गीता में क्या लिखा है? भीषण अम्ल वर्षा के बाद अंत की ओर बढ़ेगी धरती

Send Push
श्रीमदभगवत गीता के बारे में कहा जाता है कि गीता जीवन का सार है। जीवन को कैसे जीना चाहिए और संघर्षों के बीच भी मनुष्यों को कैसे शांत भाव से रहना चाहिए, गीता में इन सभी प्रश्नों का उत्तर सरलता से मिलता है। रणभूमि पर शस्त्र त्याग चुके अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण ने जीवन का सही अर्थ बताते हुए गीता का ज्ञान दिया था। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि हर युग की अपनी एक विशेषता होती है लेकिन कर्म हर युग का सत्य है। हर युग में कर्म प्रधान हैं, यही कर्म की विशेषता है। इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में रहते हुए आने वाले युग यानी कलियुग से जुड़े कई संकेत दिए थे। आइए, जानते हैं गीता में कलियुग के बारे में क्या लिखा है।
कलियुग में अपनी चरम सीमा पार कर जाएगा पाप image

भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में युगों के बारे में बताया है। जब अर्जुन द्वापर युग में इतने युद्ध के बारे में बात करते हैं, तो श्रीकृष्ण उन्हें समझाते हैं कि "हे पार्थ! यह पहली बार नहीं हुआ। यह पहले भी हो चुका है और आगे आने वाले समय में भी होता। हर युग में न्याययुद्ध होते हैं। यह भी एक न्याययुद्ध है।" उन्होंने कहा कि धरती पर चार युग होंगे। सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग। हर युग में धर्म और पाप का स्तर बदलता रहेगा। जब पाप बहुत बढ़ जाएगा, तब भगवान धरती पर आएंगे। कलियुग अंतिम युग है, जिसमें पाप अपनी चरम सीमा पार कर जाएगा। ऐसे में धरती को बचाने के लिए श्रीकृष्ण अवतार लेंगे।


कलियुग में धर्म की परिभाषा बदल जाएगी image

भगवान श्रीकृष्ण गीता में बताते हैं कि कलियुग में धर्म की परिभाषा बदल जाएगी। कुछ मुट्ठी भर लोग धर्म को अपना विरासत समझेंगे। उन्हें लगेगा कि धर्म पर उनका एकाधिकार है। धार्मिक प्रतीकों का दुरुयोग करके वे खुद को श्रेष्ठ मनुष्य समझेंगे। सामने उनके मुख पर ईश्वर का नाम होगा लेकिन उनके कर्म किसी असुर की भांति ही होंगे। वही, जो लोग मानवता पर विश्वास रखेंगे, उन्हें मूर्ख समझकर उनका उपहास उड़ाया जाएगा।


कलियुग में लोग न्याय और अन्याय के बीच अंतर नहीं कर पाएंगे image

श्रीकृष्ण गीता में अर्जुन को बताते हैं कि कलियुग में लोग न्याय और अन्याय के बीच अंतर नहीं कर पाएंगे। जिनके हाथों में न्याय करने का अधिकार होगा, वे अपने स्वार्थ के अनुसार निर्णय लेंगे। लोग अन्याय को न्याय बनाने के लिए धन का प्रयोग करेंगे। गरीब और बेसहारा लोगों का शोषण किया जाएगा और न्याय के लिए लड़ते-लड़ते वे प्राण त्याग देंगे। ऐसी स्थिति को रोकने के लिए हर युग में कुछ साहसी योद्धा होंगे, जिन पर मेरी विशेष कृपा होगी।


कलियुग में अम्ल वर्षा के बाद अंत की ओर बढ़ेगी धरती image

गीता में इस बात का उल्लेख भी किया गया है कलियुग 4 लाख 32 हजार वर्षों का है। 5000 वर्ष होने के बाद पाप बढ़ते जाएंगे। लोग किसी की हत्या करने के बाद भी सुख से भोजन के निवाले खाएंगे। उन्हें अपने अपराधों की आत्मग्लानि नहीं होगे। इसके अलावा गीता में कहा गया है कि कलियुग में भयंकर अम्ल वर्षा (acid rain) होगी। इससे पेड़-पौधे और जानवर खत्म हो जाएंगे। अन्न की कमी से मनुष्यों और अन्य जीवों को भूख विचलित करेगी। कलियुग में अम्ल वर्षा के बाद अंत की ओर बढ़ेगी धरती

Loving Newspoint? Download the app now